सरकार कर चुकी है नियम में परिवर्तन एक आदमी के नाम हो सकते हैं सिर्फ दो असलहेजिन लोगों के नाम पहले से तीन लाइसेंस उन्हें सरेंडर करना है तीसरा लाइसेंस और असलहाबच्चा यादव को गोली मारने वाले राजेश के पास हैं तीन लाइसेंसी असलहे कई बार घटनाएं ही बता देती हैं कि गवर्नमेंट की तरफ से तय किये जाने वाले नियमों का पालन कितना हो रहा है. गुरुवार को इसका एक और उदाहरण सामने आया. शासन स्तर से तय हो चुका है कि एक आदमी के नाम से अधिकतम दो लाइसेंसी असलहे हो सकते हैं. किसी के नाम तीन असलहों के लाइसेंस हैं तो तीसरा उसे सरेंडर करना पड़ेगा. यह आदेश हवा में है इसका प्रमाण मिला गुरुवार को बच्चा यादव हत्याकांड के आरोपित राजेश यादव की गिरफ्तारी के बाद. पता चला कि उसके नाम से तीन लाइसेंसी असलहे हैं. उसने नियम चेंज होने के बाद भी न तो असलहा सरेंडर किया और नही उसे लाइसेंस सरेंडर करने के लिए कोई नोटिस जारी की गयी. अब पुलिस तीसरा लाइसेंस निरस्त करके असलहा जब्त करने की तैयारी में लगी है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। सरकार की तरफ से असलहों के लाइसेंस को लेकर नियम बनाया गया तो यह भी तय किया गया था कि तीसरा लाइसेंस सरेंडर करने के लिए ओनर को खुद आगे आना होगा। रिन्यूवल की स्थिति में प्रशासन स्तर पर तीसरे असलहे का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। लाइसेंसधारी खुद आवेदन नहीं करता तो उस स्थिति में प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी करके लाइसेंस सरेंडर करके असलहा जमा कराने के लिए कहा जाएगा। अकेले प्रयागराज में दर्जनो ऐसे लोग हैं जिनके नाम से तीन असलहे हैं। आदेश आया और फाइलों में कैद हो गया। इसके आगे कहानी बढ़ी ही नहीं। बढ़ गयी होती तो बुधवार की रात कांट्रैक्टर बच्चा यादव की हत्या के बाद यह फैक्ट सामने नहीं आता कि नामजद आरोपित के पास तीन असलहे हैं।

12 दिसंबर 2020 थी लास्ट डेट
शासन की तरफ से तीसरा लाइसेंस सरेंडर करने के लिए लास्ट डेट 12 दिसंबर 2020 निर्धारित की गयी थी। बताया जाता है कि इसके बाद कुल 110 लोगों ने लाइसेंस सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था। वैसे गुरुवार को राजेश यादव की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल पुलिस से पूछा गया तो जवाब मिला कि पुलिस ने उसका लाइसेंस निरस्त करने के लिए संस्तुति डीएम कार्यालय को भेज दी है। बता दें कि 12 दिसंबर 2020 तक जिले में कुल 57000 लोगों को असलहे का लाइसेंस जारी किया गया था।

Posted By: Inextlive