रोको भी और टोको भी..
- आईजी जोन ने दिया क्राइम कंट्रोल का मंत्र
- कहा रोकना-टोकना बंद करने से कम हुआ खाकी का इकबाल ALLAHABAD: आईजी जोन आरके चतुर्वेदी ने क्राइम के बढ़ते ग्राफ के लिए पुलिस के बदले वर्क कल्चर को जिम्मेदार माना है। आईजी ने पुलिस अफसरों की मीटिंग में कहा कि उन्होंने मातहतों को और थाने की पुलिस ने पब्लिक को टोकना छोड़ दिया है। अगर पुलिस पब्लिक को रोकना व टोकना शुरू कर दे तो इसका असर नजर आएगा। पब्लिक के बीच पुलिस की इज्जत बढ़ेगी। क्रिमनल व आवारा किस्म के लोगों में डर पैदा होगा। फॉलोअप नहीं करते अफसरआईजी ने जिले के पुलिस अफसरों के साथ संडे को मीटिंग की। आईजी ने एक-एक अफसर को खड़ा कर पूछना शुरू कर दिया कि किसी घटना की वे कैसे मॉनिटरिंग करते हैं? इस सवाल का जवाब अधिकांश अफसरों के पास नहीं था। आईजी ने इस पर फिर से वही रोकने व टोकने की कहावत का जिक्र किया। कहाकि पुलिस की कार्यशैली से फॉलोअप बाहर हो चुका है। सीओ स्तर के अफसर जिनका काम सुपरविजन का है, वे इसे ठीक से नहीं करते। इसी वजह से विवेचनाएं पेंडिंग होती जा रही हैं।
सड़क पर दिखे पुलिस की प्रजेंससड़कों पर पुलिस की प्रजेंस दिखनी चाहिए। सिर्फ गाडि़यों की चेकिंग तक ही पुलिस की मौजूदगी न दिखे। लोगों को लगना चाहिए कि वह गलती करेंगे तो पुलिस उनको टोकेगी। इस मीटिंग का कितना असर पड़ा, यह जानने के लिए आईजी खुद जांच करेंगे। साफ किया कि सीओ अपना काम ठीक से नहीं करेंगे तो वे सजा के लिए तैयार रहें। मीटिंग में एसपी के अलावा, सभी एडिशनल एसपी व सीओ मौजूद थे।