काहे की चिंता, सीसीटीवी है न
पुलिस लाइंस के सामने स्थित एसबीआई की मेन ब्रांच में नहीं थी कोई सुरक्षा व्यवस्था
मैनेजर ने किए बड़े-बड़े दावे, बोले कई अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं बैंक, चेकिंग भी होती है ALLAHABAD: यूपी विधान सभा में विस्फोटक पहुंचने के बाद प्रदेश में जारी एलर्ट के रियलिटी चेक के क्रम में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने तीसरे पड़ाव में सोमवार को बैंकों की सुरक्षा का जायजा लिया। तो आइए आप भी जानिए जब बैंक में जाते हैं तो आपकी सुरक्षा में कौन रहता है।हमारी टीम सबसे पहले पुलिस लाइंस के सामने स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा पहुंची। टीम इंट्री गेट से परिसर होते हुए बैंक के अंदर तक पहुंच गई, लेकिन कहीं कोई सुरक्षा नहीं दिखी। भीड़ काफी थी, क्योंकि संडे की बंदी के बाद बैंक खुला था, लेकिन यहां आने जाने वालों से किसी को कोई मतलब नहीं दिखा। बैंक अधिकारियों की मानें तो रोज यहां से चार से पांच सौ लोगों की भीड़ जुटती है।
करते रहते हैं चेकिंगबैंक अधिकारियों का कहना है कि परिसर में समय-समय पर जांच पड़ताल की जाती है। सीसीटीवी कैमरे के जरिए चौबीस घंटे आने-जाने वालों पर नजर रहती है। कोई संदिग्ध नजर आता है तो पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। इसके अलावा भी ऐसी व्यवस्था है कि बैंक में आने लोगों की बातों को सुना जा सकता है।
बाक्स में 48 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं बैंक में 5 सुरक्षा गार्ड हर समय निगरानी में रहते हैं 1 मेटल डिटेक्टर लगाया गया है 400 उपभोक्ता प्रतिदिन बैंक पहुंचते हैं 60 कर्मचारी प्रतिदिन बैंक में रहते हैं मौजूद वर्जन सुरक्षा व्यवस्था चुस्त है। मेटल डिटेक्टर के साथ ही सुरक्षा गार्डो की तैनाती है। सीसीटीवी कैमरे के जरिए संदिग्ध लोगों पर चौबीस घंटे नजर रखी जाती है। समय समय पर पुलिस द्वारा बैंक परिसर की चेकिंग भी जाती है। एचआर पाण्डेय, मुख्य शाखा प्रबंधक बैंकों में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर कोई इंतजाम नहीं होते। संदिग्ध व्यक्ति आसानी से घटना को अंजाम दे सकता है। बैंक में आने वाले हर शख्स की तलाशी होनी चाहिए। पंकज त्रिपाठी जब विधान सभा में विस्फोटक बरामद हो सकता है, तो फिर पब्लिक प्लेस कैसे सुरक्षित रहेंगे। पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करनी चाहिए, वरना हादसा कभी हो सकता है। अजय शुक्ला प्राइवेट हो या सरकारी कार्यालय सुरक्षा के इंतजाम कहीं भी नहीं। कोई भी विभाग हो। आने-जाने वाले व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग की है, लेकिन किसी को मतलब नहीं। जिनू अब्बास