Allahabad : रिटायर बैंक ऑफिसर बेनी प्रसाद चौफटका में रहते हैं. वेडनसडे को वह वोट डालने एडीसी लॉ कॉलेज पहुंचे तो वोटर लिस्ट से उनका नाम गायब है. पीठासीन अधिकारी ने उन्हें वोट देने से मना कर दिया. थोड़ी देर बहस करने के बाद वह निराश होकर वापस लौट आए. उन्होंने कहा कि वोटर आईडी कार्ड होने के बावजूद आखिर उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब कैसे हुआ? नगर निगम चुनाव में वह वोट नहीं दे पाए तो इसका जिम्मेदार कौन है? ये मामला अकेला बेनी प्रसाद का नहीं है बल्कि हजारों लोग ऐसे थे जो एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स की लापरवाही के चलते वोट देने से वंचित रह गए. उन्हें अपना मेयर और पार्षद चुनने का मौका नहीं मिला.


 पूरा का पूरा मोहल्ला गायब हो गया

मॉर्निंग में जैसे ही वोटिंग शुरू हुई वार्ड नंबर 18 के कैंडिडेट्स के होश उड़ गए। और हो भी क्यों ना, वार्ड की वोटर लिस्ट से एक साथ 1800 लोगों का नाम गायब था। पार्षद कैंडिडेट्स राजेश भारतीया, जगन्नाथ और धर्मेँद्र भारतीया ने इसकी शिकायत कंट्रोल में जाकर की। उन्होंने बताया कि एक एमएलए की मिलीभगत से अलफाबेटिकल सी से एम तक सभी नाम गायब हैं, जिससे चुनाव की ट्रांसपैरेंसी पर सवालिया निशान लग सकता है। इतना ही नहीं खुद कैंडिडेट जगन्नाथ का नाम भी लिस्ट से नदारद था।

ये तो निराश होकर लौट गए

यही हाल बेनीगंज वार्ड का रहा। यहां जारी हुई परिवर्धन सूची में ऐसे कई नाम कट गए जो पिछले चुनाव में वोट डाल चुके थे। ये लोग जब वोट डालने पहुंचे तो इन्हें वापस कर दिया गया। खासतौर से कसारी-मसारी आनंदपुरम में तो कइयों को विश्वास ही नहीं हुआ कि उनका नाम गायब है। यहां के निवासी इशू पांडेय ने बताया कि उनके परिवार के कई लोग वोट नहीं डाल सके हैं। कुछ लोगों की शिकायत थी कि उन्होंने नाम जोड़े जाने की अप्लीकेशन दी थी लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। बाबा सेवा समिति मतदान केंद्र पर पहुंचे कुल्लू प्रसाद ने बताया कि उनके पिता का नाम लिस्ट में नहीं है।

क्या ये बीएलओ की गलती है?

वार्ड 64 में ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में कई मतदाता केवल इसलिए वापस लौट गए क्योंकि उनके पास पर्ची थी लेकिन आई कार्ड नहीं था। लोगों का कहना था कि बीएलओ ने उन्हें आई कार्ड साथ ले जाने की जानकारी नहीं दी थी। लवकुश इंटर कॉलेज में राजेश को मतदाता पर्ची मिली लेकिन लिस्ट में नाम नहीं था। यादगार हुसैनी इंटर कॉलेज में एक मोहल्ले के 80 नाम गायब पाए गए। बैगनटोला के रहने वाले हमरद अली ने बताया कि उनके परिवार के 10 लोगों के नाम नहीं हैं। इसी मोहल्ले के कई परिवार घंटों वोटर लिस्ट में अपना नाम तलाशते रहे और अंत में बैरंग घर वापस लौट गए।

जिंदा गायब, मुर्दा मौजूद

वार्ड नंबर 75 मीरगंज में वोटिंग के दौरान जबरदस्त बवाल मचा रहा। लोगों ने मतदान केंद्र पहुंचकर नाराजगी जाहिर की। लोगों का कहना था कि वोटर लिस्ट में जबरदस्त गलतियां की गई हैं। वार्ड के एक हजार से अधिक लोगों का नाम लिस्ट में नहीं है। शिवनंदन पांडे ने बताया कि उनके परिवार का कोई मेंबर वोट नहीं दे सका। इसी के चलते केसर विद्या पीठ और ऊंचामंडी प्राथमिक विद्यालय में दोपहर तक सन्नाटा छाया रहा। इसके अलावा जो लोग मर गए हैं उनके नाम अभी भी सूची में जिंदा हैं। अप्लीकेशन देने के बावजूद उनके नाम नहीं हटाए गए।

नहीं माने पीठासीन अधिकारी

वार्ड 45 सिविल लाइंस सेकंड में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पाए जाने का एक और मजेदार मामला सामने आया। शाम को वोट डालने बीएचएस पहुंची महिला कैंडिडेट का नाम मतदाता पर्ची में गलत चढ़ जाने से वह चौंक गईं। उनका नाम मीना उर्फ बीना है लेकिन आईकार्ड में उनका नाम मीना चढ़ा था और पर्ची में बीना लिखा था। ऐसे में पीठासीन अधिकारी ने उन्हें वोट नहीं डालने दिया। शिकायत पर सिविल लाइंस थाने की फोर्स भी पहुंची लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अंत में निराश कैंडिडेट को घर वापस लौटना पड़ा।

राशनकार्ड है तो फोटो वाले मेंबर को लेकर आइए

निकाय चुनाव में प्रशासन की तैयारी पूरी तरह से फेल रही। हजारों लोगों का नाम पीठासीन अधिकारी के पास मौजूद लिस्ट से मैच ही नहीं कर रहा था। इसके साथ ही जिन लोगों को वोटर कार्ड नहीं मिल पाया था वह राशन कार्ड लेकर वोट डालने के लिए पहुंचे थे। लेकिन ऐसे लोगों को यह कहकर मना कर दिया गया कि घर के उस मेंबर को बुलाकर लाइए, जिसकी राशनकार्ड में फोटो लगी हुई है। मैरी वानामेकर, जेटी गल्र्स, मैरी लूकस सहित दर्जनों बूथ पर वोट डालने के लिए पहुंचे वोटर्स बिना अंगुली में स्याही लगाए ही वापस होना पड़ा।


Posted By: Inextlive