मौसम में हुआ सुधार, पर मेले में काम बाकी है
- कमिश्नर ने लिया मेले का जायजा, मेला कार्यालय पर लगी रही भीड़
- दंडी संन्यासियों ने की कटान की शिकायत, आपदा प्रबंधन पर हुई बैठक ALLAHABAD: मंगलवार को हुई रिमझिम बारिश के निशान बुधवार को भी माघ मेले में नजर आए। कल्पवासी और संन्यासी अपने शिविरों को सुधारने में लगे रहे तो संबंधित विभागों ने कमियों को दूर करने में समय बिताया। मेला कार्यालय पर दिनभर लोगों की भीड़ लगी रही। उधर, कमिश्नर राजन शुक्ला ने भी सुबह मेला एरिया का जायजा लेकर समस्याएं दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। दंडी बाड़े के संन्यासियों ने कटान को लेकर नाराजगी जताई है। दलदल पर चलना मुश्किलजबरदस्त बारिश के बाद बुधवार को माघ मेले में सुधार का काम चलता रहा। पीडब्ल्यूडी विभाग ने बारिश के चलते जगह-जगह उखड़ी चकर्ड प्लेटों को दुरुस्त किया। बावजूद इसके कीचड़ और दलदल में चलना मुश्किल रहा। सुबह कमिश्नर राजन शुक्ला ने अरैल स्थित एक कार्यक्रम में शिरकत की और इसके बाद मेले का जायजा लेकर संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के जल्द से जल्द निस्तारण के आदेश दिए।
शिविरों की हुई मरम्मतबता दें कि बारिश के चलते स्वामी हरिश्वरनाथ, स्वामी नरेंद्रपुरी, काली मार्ग स्थित गोपालदास, मोरी मार्ग स्थित स्वामी शंकरेश्वर, रामेश्वरानंद आदि के शिविर क्षतिग्रस्त हो गए थे। दिनभर इनकी मरम्मत का काम जारी रहा। कल्पवासियों और संन्यासियों ने समस्याओं से निजात के लिए मेला प्रशासन कार्यालय पर डेरा जमाए रखा।
कटाव से सहमे श्रद्धालु, शुरू हुआ काम इस बीच दंडी बाड़े के संन्यासियों ने मोरी मार्ग से ओल्ड जीटी तक गंगा के कटाव को लेकर चिंता जाहिर की। उनका कहना था कि नदी का बहाव तेज होने से रेत कटती जा रही है जिससे शिविरों पर खतरा बना हुआ है। जानकारी होने पर मेला प्रशासन ने सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड को समस्या से अवगत कराया। इसके बाद कटाव से हुए नुकसान के मरम्मत का कार्य शुरू किया गया। आपदा से निपटने के बताए उपाय मौसम में बदलाव को देखते हुए मेला पश्चिमी हॉस्पिटल में आपदा प्रबंधन पर बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टरों समेत दूसरे अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने के तरीके बताए गए। इस दौरान डॉ। अनिल संथानी, डॉॅ शक्ति बसु, डॉ। विमलेंदु शेखर समेत कई लोग मौजूद रहे।