माघ मेले का खाका तैयार करने में जुटे प्रशासन व पुलिस के अफसर

PRAYAGRAJ: अगले साल लगने वाले माघ मेले में प्राइवेट संस्थाओं को जमीन आवंटित नहीं की जाएगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए माघ मेला में भी सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने का फॉर्मूला खोजने के दौरान यह चर्चा सामने आयी है। संभव है कि टर्म एंड कंडीशन के साथ कुछ ऐसी संस्थाओं को इंट्री दे दी जाय जो पूरी जिम्मेदारी से काम करती हैं और मेला सफल बनाने में अपना सक्रिय योगदान भी देती हैं। जिम्मेदार अफसरों का मानना है कि यही एक तरीका है जिससे मेला भी आयोजित हो जाएगा और भीड़ भी नहीं लगेगी।

कल्पवासियों के लिए बढ़ेगी जमीन

शुक्रवार को माघ मेले को लेकर अफसरों के बीच हुए विमर्श के बाद जो तथ्य छनकर सामने आये हैं उसके मुताबिक इस मर्तबा जमीन आवंटिव कराकर कोई एक्टिविटी न करने वाली संस्थाओं का आवेदन ही स्वीकार नहीं किया जायेगा। साधु संतों के मठ व अखाड़ों को ही जमीन दी जायेगी। इन्हें जमीन ज्यादा आवंटित की जाएगी ताकि इनके बाड़े में कैंप दूर-दूर बनाये जाएं। इनके यहां चलने वाली लीलाएं व प्रवचन के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने का बंदोबस्त करने के लिए ऐसा किया जायेगा। मतलब यह कि जिस मठ को पहले दो बिस्वा जमीन मिलती थी इस बार उसे चार या तीन बिस्वा जमीन दी जाएगी। इस जमीन पर संतों के यहां रहने वाले कल्पवासियों का कैंप दूर-दूर लगाने के निर्देश होंगे। ताकि सोशल डिस्टेंस बना रहे।

दुकानदारों पर भी होगी सख्ती

कैंप में कल्पवासियों की संख्या भी निर्धारित की जाएगी। किसी भी कल्पवासी के कैंप में बाहरी व्यक्तियों के ठहरने पर पाबंदी होगी। इसका पूरा पालन कल्पवासी करेंगे इस बात की जिम्मेदारी मठ के महंत की होगी। मठों में सेनेटाइजेशन का काम बराबर चलेगा। दुकानदारों के लिए भी गाइड लाइन तैयार की जाएगी। भीड़ लगाने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

बाहरी दुकानों पर भी लगेगी लगाम

मेला में कोरोना से सुरक्षा व एक जगह भीड़ न लगे इसके लिए बाहरी दुकानों व प्रदर्शनी के आने पर भी रोक लगाई जा सकती है। माना यह जा रहा कि बाहर से आने वाली प्रदर्शनी व दुकानों पर भीड़ काफी होती है। इस लिए मेला क्षेत्र में इस बार ऐसी व्यवस्थाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

स्नानघाट का पाट होगा लंबा

स्नान घाट संगम का हो या फिर गंगा का इस बार पाट काफी लंबा किए जाएंगे। ताकि स्नान के लिए पहुंचने वाले लोगों के बीच सोशल डिस्टेंस बना रहे। घाट पर सट कर या भीड़ के साथ लोग स्नान नहीं कर सकेंगे। कुछ इसी तरह के प्लान को शासन में होने वाली मीटिंग के दौरान अधिकारी पेश करेंगे। अब देखना यह कि इस प्लान पर सरकार का रिएक्शन क्या होता है।

प्रयागराज में माघ मेला की वर्षो पुरानी परंपरा है। सरकार भी इसे ड्राप करने के मूड में नहीं है। ऐसे में एक रफ प्लान तैयार किया जा रहा है। आने वाले समय में शासन स्तर पर होने वाली मीटिंग के दौरान इसे रखा जाएगा।

कवीन्द्र प्रताप सिंह,

आईजी रेंज प्रयागराज

Posted By: Inextlive