कहीं सेंटर बंद मिला तो कहीं सुविधाओं में कमी
-मौके पर बंद मिला एसआरएन हॉस्पिटल का एमआरआई सेंटर
-बेली हॉस्पिटल में नंबर गेम से मरीज हैं परेशान ALLAHABAD: सरकार ने एमआरआई जैसी महंगी जांच को आम जनता तक पहुंचाने के लिए सरकारी हॉस्पिटल में सुविधा उपलब्ध करा तो दी, लेकिन असलियत कुछ और ही है। इसी असलियत को जानने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने बुधवार को मंडल के सबसे बड़े हॉस्पिटल एसआरएन और बेली में एमआरआई सुविधाओं का रियलिटी चेक किया स्पॉट-1 एसआरएनरिपोर्टर दोपहर पौने दो बजे एसआरएन हॉस्पिटल के एमआरआई सेटर पहुंचा तो वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। सेंटर के गेट पर ताला लगा था। पता चला कि आज सेंटर जल्दी बंद हो गया। अधिक पूछताछ पर पता चला कि बुधवार को एक भी जांच नहीं हो सकी। वजह टेक्नीशियन किसी काम से लखनऊ गया था। मरीजों ने बताया कि उनको बुधवार को जांच के लिए बुलाया गया था। लेकिन, यहां आने पर सेंटर ही बंद मिला है।
स्पॉट-2- बेलीशहर में एमआरआई मशीन बेली हॉस्पिटल में भी शासन की ओर से लगाई गई है। यहां पर एक बजे पहुंचे रिपोर्टर को सेंटर तो खुला मिला लेकिन मरीज नाराज नजर आए। एक मरीज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिता की जांच करानी है। 16 जनवरी को आए थे तो 31 जनवरी की डेट दी। आज आए हैं तो कई घंटे बाद भी नंबर नहीं आया। पांचवां नंबर मिला था, जिसे खिसकाकर सातवें पर कर दिया गया। जबकि हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि तीन से चार दिन की वेटिंग ही दी जा रही है।
फैक्ट फाइल - शहर में कुल दो सरकारी हॉस्पिटल में होती है एमआरआई जांच। - दो हजार रुपए है इनकी जांच की फीस। - शहर में आधा दर्जन प्राइवेट सेंटर्स पर होती है ये जांच। - इनकी फीस दस हजार रुपए के आसपास है। - टेक्नीशियन के अभाव में अक्सर बंद रहता है एसआरएन हॉस्पिटल का सेंटर। वर्जन सहसों से आए हैं जांच कराने। यहां आए तो पता चला कि आज सेंटर बंद है। अब दोबारा आना होगा। -आशा देवी यहां सस्ती जांच होती है और प्राइवेट में जाओ तो मोटा पैसा लगता है। जब सेंटर खुलेगा तो जांच कराने आएंगे। -राजेंद्र कुमार वर्जन हमारे पास एक टेक्नीशियन है। उसकी चार माह से सैलरी नहीं मिली है। आज वह नहीं है इसलिए सेंटर बंद है। हमने शासन को उसकी सैलरी रिलीज करने के लिए पत्र भेजा है। -डॉ। ब्रिजेंद्र नाथ, एचओडी, रेडियोलाजी विभाग एसआरएन हॉस्पिटलसेंटर पर किसी मरीज को तीन से चार दिन से अधिक पेंडेंसी नहीं दी जाती है। आप बता रहे हैं कि मरीज को पंद्रह दिन बाद बुलाया गया तो इसकी जांच कराई जाएगी।
-डॉ। कमलाकर सिंह, इंचार्ज, एमआरआई सेंटर बेली हॉस्पिटल