अप्रैल मई में 433 लोगों की कोरोना से हुई मौत, कईयों ने खो दिए अपने

बारह गुना बच्चों का हुआ जन्म, जन्मदर में हुई बढ़ोतरी

कोरोना संक्रमण मौत बनकर लोगों का जीवन छीन रहा है तो जिंदगी भी नए रूप में वापसी कर रही है। जी हां, अप्रैल- मई में जितने लोगों ने कोरोना से जान गंवाई है उससे बारह गुना अधिक किलकारियां लोगों के आंगन में गूंजी हैं। कई मामलों में बच्चों को जन्म देने से पहले माताओं को कोरोना संक्रमण से जूझना भी पडा है। दर्जनों महिलाओं की प्रसव के दौरान जान भी जा चुकी है, बावजूद इसके नियति ने नए जीवन को दरवाजे पर दस्तक देने से नही रोका।

पांच हजार से अधिक का जन्म

इस साल कोरोना की दूसरी लहर के चलते अप्रैल-मई में जिंदगी के पहिए थम गए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इन दोनों महीनों में जिले में कुल 433 लोगों ने संक्रमण से अपनी जान गवां दी। यह सभी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे और अंत में इनकी सांसें थम गईं। इसके उलट 5348 बच्चों का जन्म इन दो माह में हुआ है। यह बच्चे संस्थागत प्रसव के जरिए हुए हैं। इनमें सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़े शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है पिछले एक साल में जन्म दर में बढोतरी हुई है।

कोरोना ग्रस्त हुई दस फीसदी महिलाएं

हालांकि इस दो माह में बच्चों का जन्म आसान नहंी रहा। दस से पंद्रह प्रतिशत महिलाएं कोरोना ग्रस्त हो गई। बच्चों के जन्म से पहले वह कोरोना की चपेट में आ गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ महिलाओं की संक्रमण से जान भी चली गई। लेकिन बच्चे सुरक्षित हैं। उनका कहना है कि कोरोना काल में पैदा हुए बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत हाती है। क्योंकि जरा सी लापरवाही से वे भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।

नौ माह बाद भी बढे़गी जन्मदर

डॉक्टर्स का कहना है कि आठ से नौ माह बाद पुन: जन्मदर बढ़ सकती है। कहा कि इस समय लोग घरों में है और ऐसे में परिवार नियोजन के नियमों को भारी नुकसान होता है। कुल मिलाकर एक ओर लोगों की कोरोना से मौत हो रही है तो दूसरी ओर नई जिंदगियां भी खुली हवा में सांस लेने लगी हैं।

अप्रैल और मई में जन्मदर बढी है। पांच हजार से अधिक बच्चे पैदा हुए हैं। कोशिश की गई कि जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ रहें। कई माताएं भी कोरोना की चपेट में आई लेकिन उनका इलाज कर उन्हें स्वस्थ किया गया है। कोरोना काल में प्रसव के दौरान माता और बच्चे दोनों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है

डॉ सतेंद्र राय

एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज

Posted By: Inextlive