सीटेट हमेशा के लिए मान्य होने के निर्देश के बाद अभ्यर्थियों में बढ़ा उत्साह

- अभी तक क्वालीफाई करने के बाद सात साल तक थी वैलिडिटी

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PRAYAGRAJ: नेशनल टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट में समय बाध्यता खत्म करने के एनसीटीई के फैसले से सीटेट की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को नई ऊर्जा दे दी है। सीटेट में अभी तक क्वालीफाई करने के बाद सात साल तक उसकी वैलिडिटी की व्यवस्था थी। जिसमें एनसीटीई ने बदलाव करते हुए उसे आजीवन कर दिया। एनसीटीई की ओर से लिए गए फैसले के बाद हर साल सीटेट में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को भी राहत मिलेगी। अब वह किसी भी टीचर्स भर्ती की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इसी माह जनवरी में होने वाली सीटेट की परीक्षा की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को नए उत्साह के साथ तैयारी करने के लिए प्रेरित किया है।

अभ्यर्थियों ने फैसले को सराहा

सीटेट की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों ने बताया कि एनसीटीई की ओर से उठाया गया ये कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा जब कोई अभ्यर्थी एक बार सीटेट क्वालीफाई करके अपनी योग्यता साबित कर चुका है। ऐसे में उसे हर बार अपनी योग्यता साबित करने की जरूरत नहीं है। अभ्यर्थी सीटेट क्वालीफाई करने के बाद शिक्षक भर्ती की परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाएगा। जिससे उसका रिजल्ट बेहतर हो सके।

- एनसीटीई की ओर से लिया गया फैसला सही है। जब कोई अभ्यर्थी एक बार सफल हो गया, तो सात साल बाद फिर से उसका परीक्षा लेना ठीक नहीं था।

शिवानी सिंह

- नए नियम के बाद सिर्फ एक बार ही सफल होना है। ऐसे में इस बार किसी भी कीमत पर सफल होना है। इसके लिए विशेष तैयारी में जुटे हैं। जिससे सफलता हासिल हो सके।

चित्रांशी सिंह

- परीक्षा के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर पूरा फोकस कर रहे हैं। जिससे परीक्षा में सफलता मिल सके। क्योकि इस बार पास होने पर दोबार इस परीक्षा को नहीं देना हेागा।

विजय सिंह

- एनसीटीई की ओर से लिया गया निर्णय अच्छा है। इससे हम प्रतियोगियों को एक ही परीक्षा में सफल होने के बाद भी बार-बार तैयारी करने से मुक्ति मिलेगी। हम शिक्षक भर्ती की दूसरी परीक्षाओं पर फोकस कर सकेंगे।

दीपशिखा सिंह

Posted By: Inextlive