आधार कार्ड के लिए परेशान पब्लिक
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फॉर्म मात्र आधार के लिए रोज बांटे जाते हैं 50 रुपए निर्धारित है आधार में करेक्शन के लिए 100 रुपए शुल्क है फिंगर प्रिंट लेने के लिए 20 मिनट करीब लगते हैं एक फार्म के अपलोडिंग में -डाक घर में बन रहे आधार कार्ड के फार्म को लेकर लोग हो रहे परेशान -विभाग द्वारा बनाई गई चालीस फार्म की नीति लोगों के लिए बनी मुसीबत का सबब PRAYAGRAJ: हर शख्स की जरूरत बन चुके आधार कार्ड के लिए पब्लिक कराह रही है। तमाम ऐसे लोग हैं जिन्हें फार्म तक नहीं मिल रहे। दूर के सफर और लंबी कतार एवं इंतजार के बावजूद उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। सिविल लाइंस स्थित डाकखाने में बनाए गए नियम से सभी आजिज आ चुके हैं। प्रतिदिन फार्म वितरण की निर्धारित संख्या लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी है। जिले भर से पहुंच रहे हैं लोगजिले के कई डाकखानों को आधार कार्ड बनाने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन इस आदेश की जमकर अनदेखी हो रही है। ऐसे में जिले के विभिन्न हिस्सों से लोग आधार कार्ड बनवाने सिविल लाइंस स्थित हेड पोस्ट ऑफिस पहुंच रहे हैं। लेकिन यहां पर आकर लोग नियमों के पेंच में फंस जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक विभाग एक दिन में सिर्फ 40 लोगों को ही फॉर्म देगा। यह संख्या पूरी होते ही फॉर्म का काउंटर बंद कर दिया जाता है। इस दशा में दूर-दराज से पहुंचे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
हम सुबह दस बजे ही आ गए थे। तब फॉर्म मिल नहीं रहा था। बंटना शुरू हुआ तो लाइन में लगे। नंबर आते-आते पता चला 40 फार्म पूरे हो गए अब नहीं मिलेगा। बड़ी दूर से आए हैं। किसी तरह फॉर्म दिलवा देते तो मेहरबानी होती। -मानीचंद्र, मनौरी हमें तो केवल नाम में करेक्शन करवाना है। इसके लिए काउंटर पर गए तो पता चला कि अब फॉर्म कल मिलेंगे। कई बार मजबूरी बताई पर कोई सुनने को तैयार ही नहीं है। सुबह 11 बजे से परेशान हैं। -मुनिया देवी, मनौरी आधार कार्ड बनवाने के लिए फार्म लेना था। काउंटर पर बता रहे हैं कि अब उनकी गिनती पूरी हो गई है। फार्म ही नहीं देंगे। अब फिर कल वक्त निकालना पड़ेगा। -मुकेश निषाद, रसूलाबाद तेलियरगंज हम सब इतनी दूर से आते हैं। फार्म न मिलने पर बड़ी तकलीफ होती है। एक तो बगैर आधार कार्ड कोई काम नहीं हो पा रहा। ऊपर से यहां के रूल्स लोगों को सता रहे हैं। -नीतू सिंह, कीडगंजफॉर्म तो किसी तरह मिल गया है, लेकिन एक दिन में सिर्फ 40 फार्म बांटने का नियम उचित नहीं है। लोग काफी दूर-दूर से आए हैं। विभाग को लोगों की परेशानी समझनी चाहिए।
-विकास कुमार, राजरूपपुर