50 हजार का इनामी राधेश्याम इलाहाबाद में गिरफ्तार
एसटीएफ ने भी चलाई गोली, पकड़ा गया
सुबह चौफटका के पास हुई मुठभेड़, मर्डर, किडनैपिंग के 15 मामले है दर्ज ALLAHABAD: एसटीएफ ने 50 हजार के इनामी कुख्यात डकैत राधेश्याम मौर्य को शनिवार को सुबह चौफटका के गढ़वा के पास से मुठभेड़ के बाद दबोच लिया। मूलरूप से फतेहपुर के सुल्तानपुर घोष ओरम्हा के राधेश्याम ने एसटीएफ से बचने के लिए फायरिंग भी की लेकिन भागने में सफल नहीं हो सका। उसके ऊपर मर्डर, डकैती, मर्डर की कोशिश जैसे कुल 15 मामले दर्ज हैं। एसटीएफ ने उसके पास से 32 बोर की पिस्टल, दो कारतूस, दो खोखे, बिना नंबर की बाइक व 12210 रुपए बरामद किए हैं। कौशांबी में देना था घटना को अंजामराधेश्याम की इलाहाबाद में लोकेशन एसटीएफ को मिली थी। सीओ एसटीएफ प्रवीण सिंह चौहान को जानकारी मिली थी कि राधेश्याम किसी घटना को अंजाम देने के लिए कौशांबी जाने वाला है। उन्होंने एसआई अतुल सिंह को उसको पकड़ने का टास्क दिया था। सीओ के मुताबिक एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि वह दिन में बाइक से कौशांबी के लिए जाने वाला है। सुबह 5.30 बजे बाइक से एक युवक आते हुए दिखाई दिया। पुलिस ने उसको हाथ देकर रोका तो उसने बाइक को ओवर ब्रिज की ओर टर्न करके भागने की कोशिश की। हड़बड़ाहट में वह गिर पड़ा तो एसटीएफ ने उसको दबोचने की कोशिश की। बचने के लिए उसने पिस्टल फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ की तरफ से भी गोलिया चलाई गई। खुद को चारों ओर से घिरा पाकर राधेश्याम ने हाथ खड़े कर दिए।
1989 में हो गया था बागी राधेश्याम 1989 में बागी हो गया था। अपने भाई सीताराम मौर्य व अन्य साथियों का गैंग बनाकर वह जंगल में चला गया था। किडनैपिंग व मर्डर के मामले दर्ज होने के बाद वह छत्तीसगढ़, विलासपुर, रायपुर, रायगढ़, अंबिकापुर में राजाराम के नाम से रहता था। पहचान छिपाने के लिए गांव के मेलों में झूले का कारोबार करता था। पहचान बदलकर वह लंबे समय तक पुलिस से बचने में कामयाब भी रहा। उसके ऊपर फतेहपुर में 13 व कौशांबी में दो मामले दर्ज हैं। फतेहपुर में उस पर मामले सुल्तानपुर घोष, असोथर, खागा, किशनपुर, खखरेरू व कौशांबी में सैनी तथा मो। पैन्सा थाने में दर्ज हैं। उसके ऊपर मामले 1989, 1990, 1991, 1996, 1997 व 1999 में दर्ज हुए थे। 1999 के बाद से पुलिस को उसकी कोई गतिविधि यूपी में नहीं मिली थी।