चुनावी मैदान में जोर आजमाइश कर रही 19 महिला प्रत्याशी

जिले में हैं 19 लाख फीमेल वोटर, साख बचाने की जद्दोजहद

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ALLAHABAD: जिले में आधी आबादी यानी महिला वोटर्स की संख्या 19 लाख है और इत्तेफाक से इस बार चुनावी मैदान में 19 महिलाएं भी जोर आजमाइश कर रही हैं। इनकी नजर अपने कैटेगरी के वोटर्स पर है। राजनीतिक दलों ने भी इस बार महिला दावेदारों पर भरोसा जताया है। भाजपा, बसपा और सपा ने अपनी ओर से दमदार महिला प्रत्याशी को टिकट बांटे हैं। जाहिर है यह कैंडीडेट आधी आबादी का ध्यान अपनी ओर खीचने में सफल साबित होंगी।

पार्टियों ने बैठाई चुनावी गणित

इस बार चुनावी मैदान में सपा की ओर से शहर पश्चिमी, प्रतापपुर और हंडिया से महिलाओं को उतारा गया है। भाजपा ने मेजा से तो बसपा ने सोरांव और शहर पश्चिमी से महिलाओं को टिकट दिया है। अपना दल एस ने हंडिया सीट पर महिला को उतारा है। इन विधानसभा सीटों में महिला और पुरुष वोटर्स के बीच बहुत अधिक अंतर नही है। शहर पश्चिमी की बात करें तो 1.86 लाख महिला वोटर हैं। हंडिया में 1.65 लाख और सोरांव में 1.63 लाख महिलाएं इस बार वोट डालेंगी। मेजा में 1.38 लाख महिला वोटर हैं।

यहां पर बंट जाएंगे वोट

जिले की करछना और शहर पश्चिमी विधानसभा सीट पर एक से अधिक महिला प्रत्याशी मैदान में डटी हैं। इसलिए यहां पर इनके वोटों में विभाजन संभव है। बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल ने भी जिले की दो सीटों पर महिला प्रत्याशी उतारे हैं। इसके अलावा कोरांव, बारा, फाफामऊ, फूलपुर और शहर उत्तरी से भी महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ रही हैं। राष्ट्रीय लोकदल ने बारा और कोरांव से महिलाओं को टिकट बांटा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब डेढ़ दर्जन से अधिक महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ रही हैं।

महिला वोटर्स (विधानसभा वारर)

विधानसभा वोटर

फाफामऊ- 158825

सोरांव- 163928

फूलपुर- 167139

प्रतापपुर- 168923

हंडिया- 165367

मेजा- 138521

करछना- 146636

इलाहाबाद पश्चिम- 186409

इलाहाबाद उत्तरी- 182553

इलाहाबाद साउथ- 176598

बारा- 145023

कोरांव- 150351

बॉक्स

करीबी टक्कर देने को आधी आबादी

एक ओर चुनावी मैदान में महिला प्रत्याशियों ने जंग का बिगुल फूंक दिया है तो दूसरी ओर महिला वोटर्स भी पुरुषों से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। जिले में कुल 4336833 वोटर्स हैं, जिनमें से 1950273 महिला और 2386101 पुरुष वोटर हैं। इनके बीच भी जबरदस्त टक्क्र होने की संभावना है। महिला वोटर्स ने जोर लगाया तो राजनीतिक पार्टियों का एक से अधिक महिला प्रत्याशियों को टिकट देना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। हालांकि, कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने एक भी महिला को चुनाव का टिकट नही दिया है।

Posted By: Inextlive