बरेलियंस के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो इसके लिए अमृत पेयजल मिशन के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए गए. लेकिन इसके बाद भी शहर के कई ऐसे एरिया हैं जहां शुद्ध पेयजल की समस्या बनी हुई है.

बरेली(ब्यूरो)। बरेलियंस के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो, इसके लिए अमृत पेयजल मिशन के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए गए। लेकिन इसके बाद भी शहर के कई ऐसे एरिया हैं, जहां शुद्ध पेयजल की समस्या बनी हुई है। इन एरिया में इंडिया मार्का हैंड पंप का भी पानी कुछ देर में ही पीला हो जाता है। वहीं अफसरों की मानें तो इन एरिया में हैंड पंप रीबोर करा दिए जाते हैं इसके साथ ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाता है।

इसलिए पानी हुआ दूषित
हेयर डाई में सबसे खतरनाक केमिकल कंपाउंड निकलते हैं, जो कैंसर और त्वचा संबंधी कई गंभीर बीमारियों का कारण बनते है। शहर में हेयर डाई और कपड़ों को रंगने के लिए उपयोग की जाने वाली डाई का पानी सीधे नालों में छोड़ दिया जाता है, जो भूमिगत जल में मिल रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक डाई से डाई अमीनो नाइट्रेट फिनायल, डाई क्लोरोनाइट्रो फिनायल, नाइट्रो फिनायल जैसे कैमिकल कंपाउड निकलते है। यह पानी में पहुंचकर बहुत जल्दी रिएक्शन करता है। इस कंपाउड को असानी से तोड़ा भी नहीं जा सकता। इसे रोकना है तो नाले मे डाई का पानी जाने से रोकना होगा।

ये हैं साफ पानी के मानक
पीएच 6.5 से 8.5 एमजी/लीटर, टीडीएस 500 एमजी/लीटर, कठोरता 200 एमजी/लीटर, नाइट्रेट 45 एमजी/लीटर, सल्फेट 200 एमजी/लीटर,
फ्लोराइड 1 एमजी/लीटर, क्लोराइड 250 एमजी/लीटर, ऑर्सेनिक 0.01 एमजी/लीटर, कॉपर 0.05 एमजी/लीटर, कैडिएम 0.003 एमजी/लीटर, क्रोमियम 0.05 एमजी/लीटर, शीशा 0.01 एमजी/लीटर, लोहा 0.03 एमजी/लीटर, जिंक 5 एमजी/लीटर

शुद्ध पेयजल की प्रॉब्लम
शहर के राजेन्द्र नगर, नकटिया, पुराना शहर समेत बदायूं रोड एरिया में पीने का पानी कुछ देर बाद ही पीला हो जाता है। इससे उस एरिया में प्रॉब्लम भी होती है। वहीं अफसरों की माने तो इन एरिया में हैंड पंप को रीबोर भी कराया जाता है ताकि वहां पर शुद्ध पानी मिल सके। वहीं हजियापुर, किला, सिकलापुर, पुराना शहर, सुभाषनगर, कालीबाड़ी, कटरा चांद खां सहित डेलापीर एरिया में पेयजल सप्लाई प्रदूषित आ रही है। इन एरिया में कई जगह तो पाइप लाइन टूटी होने के चलते पेयजल में गंदगी आती है। इससे लोगोंं को प्रॉब्लम होती है।

दूषित पानी पीने से बीमारी
हैजा और टाइफाइड बुखार
जलजनित रोगों में दस्त, पेचिश, पोलियो और मेनिन्जाइटिस शामिल है।
धुलाई के लिए अशुद्ध पानी से त्वचा और संक्रामक नेत्र रोग जैसे ट्रेकोमा हो सकता है
ट्रेकोमा से दृश्य हानि या अंधापन हो सकता है।

कालीबाड़ी एरिया में पानी की समस्या आज भी होती है। कभी कभी तो पानी इतना गंदा आता है कि पीने के लायक भी नहीं होता है। मजबूरी में लोग कई बार गंदा पानी भी पी लेते हैं तो उससे वह बीमार भी होते हैँ।
गौरव राजपूत

बदायूं रोड पर नाला निर्माण के चलते कई जगह पानी की लाइन कटी उसके बाद लाइन ठीक की गई। लेकिन इस एरिया में पानी की सप्लाई के लिए लाइन तो है लेकिन प्रॉपर सप्लाई प्रभावित होने से लोगों को हैंड पंप का दूषित पानी पीना पड़ता है।
राधेरमण

किला एरिया में कई जगह ऐसी हैं जहां पर पानी रखते ही पीला हो जाता है। इससे पानी में प्रॉब्लम होती है तभी ऐसी समस्या आती है। इस तरह पीला पानी पीने से लोगों को भी बीमारी हो सकती है। इससे वह बीमार भी हो जाते हैं।
कुसुम

राजेंद्र नगर सहित कुछ एरिया है जहां पर पानी रखने के कुछ देर बाद पीला जाता है। यह समस्या नकटिया में भी है। लेकिन इन एरिया के लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके इसके लिए वहां के इंडिया मार्का हैंड पंप रीबोर कराने के साथ शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का भी काम किया जाता है।
अजीत कुमार, अवर अभियंता जल कल विभाग

भूगर्भ जल विभाग की तरफ से जिले भर के अलग-अलग एरिया के भूगर्भ जल की जांच की जाती है। इसमें शहर के सिविल लाइंस एरिया का कुछ वाटर लेबल डाउन हुआ है। बाकी एरिया का अभी वाटर लेबल सही है।
गणेश सिंह, सहायक अभियंता भू गर्भ जल विभाग

Posted By: Inextlive