कोरोना पास, धोखा न दे जाए मास्क
-20 परसेंट बढ़ी मास्क की सेल
- नेपाल में वायरस का संदिग्ध मिलने पर दहशत में बरेलियंस, मास्क की बढ़ी सेल -डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डॉक्टर्स का कराया गया सेनेटाइजेशन, बताए गए वायरस से बचने के तरीके बरेली : अभी हाल ही में नेपाल में एक युवक में कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण मिले हैं जिससे बरेलियंस में काफी दहशत है। वायरस की खबर मिलते ही मास्क की सेल अचानक से 20 परसेंट बढ़ गई है। बरेलियंस डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर्स से मास्क खरीद रहे हैं। वहीं इंटरनेट पर भी लोग बचाव के तरीके खोज रहे हैं। जबकि शासन के आदेश के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने एडवाइजरी जारी करने के साथ ही डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को भी अलर्ट कर दिया है। धोखा दे सकता है मास्ककोई भी वायरस सांस के जरिए बॉडी में जाता है। जिससे बचने के लिए लोग मास्क लगा रहे हैं। लेकिन यह मास्क धोखा दे सकता है क्योंकि पर्यावरणविद् डॉ। आलोक खरे के मुताबिक डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और दूसरे मेडिकल स्टोर्स पर जो मास्क मिल रहा है उसकी थिकनेस स्टैंडर्ड से काफी कम है यानि कि ये मास्क वायरस को रोक पाने में नाकाफी साबित हो सकता है।
डॉक्टरों का कराया गया सेनेटाइजेशनडिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डिविजनल ऑफिसर डॉ। अखलेश्वर सिंह ने सभी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ का सेनेटाइजेशन कर कोरोना से बचाव, निगरानी और लक्षण के बारे में बताया। साथ ही वायरस मिलने पर पेशेंट को किस तरह से ट्रीट करना है और क्या ट्रीटमेंट देना है इसकी भी जानकारी दी गई। वहीं लोगों को अवेयर करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
एंटीबायोटिक नहीं करती काम कोरोना वायरस में किसी भी तरह की कोई एंटीबायोटिक काम नहीं करती है। पेशेंट्स के ऑर्गन को फेल होने से बचाने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा लिक्विड पिलाया जाता है। यह है कोरोना वायरस यह वायरस जानवरों में पाया जाता है नॉन वेजिटेरियन लोगों में इसके फैलने के चांसेस ज्यादा हैं। जानवरों के वायरस की चपेट में आने पर अगर इंसान जानवरों के साथ ज्यादा समय बिताता है तो उसमें भी यह वायरस फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। यह है तो हो जाएं अलर्ट - सिरदर्द - नाक बहना - खांसी - गले में खराश - बुखार - अस्वस्थता - बार-बार छींक आना - थकान महसूस होना - निमोनिया ऐसे करें बचाव 1. हाथ साफ़ रखें। 2. मास्क पहनें। 3. खाने में एहतियाद 4. एनीमल्स से दूर रहें।5. कच्चा या अधपका मांस न खाएं।
यह भी जानें -कोरोना परिवार के कुछ वायरस बेहद ख़तरनाक़ होते हैं जैसे सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम)। -कोरोना के ज्यादातर पेशेंट उम्रदराज लोग हैं, खासकर वो जो पहले से ही पार्किसन या डायबिटिज जैसी बीमारियों से जूझ रहे हों। -वायरस से निजात पाने के लिए फिलहाल कोई इलाज तय नहीं है। डॉक्टर संक्रमित पेशेंट का इलाज फिलहाल उनके लक्षण के आधार पर ही कर रहे हैं। वर्जन यह सार्स फैमिली का ही जानलेवा वायरस है। अभी तक की रिसर्च में माना जा रहा है कि यह सांप से इंसानों तक पहुंचा है हालांकि अभी रिसर्च जारी है। इस वायरस पर एंटीबॉयोटिक बेअसर है। डॉ। राजकुमार सिंह, डायरेक्टर, आईवीआरआई वर्जन नेपाल में कोरोना का संदिग्ध पेशेंट मिला है। नेपाल बॉर्डर हमारे करीब है। जिस कारण यहां अलर्ट जारी कर दिया गया है। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को सेनेटाइजेशन संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ