पुलिस बढ़ा रही अवैध निर्माण.
एक्सक्लूसिव न्यूज
- बीडीए ने एसएसपी को दी 'तहरीर' कहा, अवैध निर्माण पर नहीं हो रही एफआईआर - 26 एफआईआर दर्ज करने को बीडीए ने कहा था, महज 7 एफआईआर हुई हैं दर्ज BAREILLY: अवैध निर्माण से कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहे शहर को बचाने के लिए बीडीए नोटिस जारी कर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रहा है। सीलिंग तोड़कर अवैध निर्माण करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए संबंधित थाना प्रभारियों को लिखा। हैरत की बात है कि रिमाइंडर भेजने के बाद भी थाना प्रभारियों ने एफआईआर दर्ज नहीं की, जिसके बाद अब बीडीए वीसी ने एसएसपी से मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई है। पुलिस की है जिम्मेदारीबीडीए उपाध्यक्ष के मुताबिक अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी पुलिस की भी है। प्राधिकरण के नियमानुसार संबंधित इलाके के थाना प्रभारी अपने इलाके में हो रहे अवैध निर्माण पर कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन पुलिस महकमा बीडीए का सहयोग नहीं कर रहा, जिसकी वजह से शहर में हो रहे सैकड़ों अवैध निर्माण में से महज 20 परसेंट पर ही कार्रवाई हो पाती है। बताया कि ध्वस्तीकरण के दौरान अक्सर फोर्स नहीं मिलती, एफआईआर कराने में भी लेटलतीफी होती है। बीडीए इंफोर्समेंट टीम दिन में मुस्तैद रहती है, लेकिन अवैध निर्माण अधिकतर रात में होते हैं। रात में गुपचुप हो रहे निर्माण पर थाना प्रभारी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।
पुलिस पर कराई एफआईआर एसएसपी को दी गई तहरीर में बीडीए वीसी ने बताया है कि करीब दो माह पहले उन्होंने शहर में कई जगहों पर हो रहे 26 अवैध निर्माण की सूची सौंपी थी, जिसमें से महज 7 अवैध निर्माण पर एफआईआर दर्ज हुई। वहीं, अन्य 19 एफआईआर संबंधित थाना प्रभारियों ने नहीं की। सहयोग न मिलने यहां सीलिंग की कार्रवाई के बावजूद निर्माण पूरा होने की संभावना जताई है। ऐसे में, एसएसपी को बीडीए ने तहरीर देकर संबंधित 19 अवैध निर्माण पर एफआईआर कराने के लिए थाना प्रभारी के खिलाफ एक्शन को लिखा है। साथ ही, एसएसपी को बताया कि थाना प्रभारी एफआईआर दर्ज नहीं कर रहे हैं। जिससे अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यह है कार्रवाई की प्रक्रिया - अवैध निर्माण की सूचना जेई फिजिबिलिटी चेक करता है - सूचना सही पाए जाने पर जेई नोटिस और चालान जारी थमाता है - बीडीए सचिव निर्माण कार्य रोकने का नोटिस जारी करते हैं - निर्माण रोकने की नोटिस की कॉपी थाना प्रभारी को भी जाती है- ताकि देर रात गश्ती पुलिस अवैध निर्माण पर निगरानी कर सके
- फिलहाल एक भी मामले में पुलिस ने अवैध निर्माण नहीं रुकवाया एक नजर में । - 40 शिकायत प्रतिमाह - 5 परसेंट पर होती है कार्रवाई - 500 शिकायत वर्ष भर में - 25 अवैध निर्माण होते हैं ध्वस्त - 200 निर्माण की कंपाउंडिंग - 75 पर सीलिंग की कार्रवाई - 200 गुपचुप हो जाते हैं निर्माण नोट - डाटा में फेरबदल संभव है। कॉल की शिकायत वेरिफिकेशन के बाद रिकॉर्ड होती है। अवैध निर्माण पर जारी हुई नोटिस की एक कॉपी बीडीए संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी को दी जाती है। ताकि पुलिस गश्त के दौरान गुपचुप हो रहे निर्माण पर एक्शन ले सके। सूचना के बाद भी पुलिस का सहयोग न मिलने से अवैध निर्माण बढ़ रहे हैं। डॉ। सुरेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष, बीडीए