Case 1हार्टमेन कॉलेज के पास रहने वाले राजीव सक्सेना नेम चेंज्ड की डेथ को कई साल बीत गए हैं. इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की छापेमारी में राजीव के परिवार वालों को बिजली चोरी करते हुए पाया गया था. 50000 रुपए का फाइन लगाते हुए मृत राजीव सक्सेना के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई. Case 2सुनील की डेथ महीनों पहले हो चुकी है. वह सीबीगंज में रहते थे. सुनील की डेथ के बाद बिजली कनेक्शन उनकेबेटे राजू सिंह के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया गया है. लिहाजा बिजली चोरी में पकड़े जाने पर थाने में सुनील के नाम से ही एफआईआर दर्ज करा दी गई. Case 3खालिद नेम चेंज्ड की डेथ कई साल पहले हो चुकी है. वह प्रेमनगर में रहते थे. उनके घर में जब डिपार्टमेंट की टीम ने छापेमारी की तो बिजली चोरी के आरोप में डेड खालिद के खिलाफ ही केस दर्ज करा दी गई. Bareilly : दिए गए ये तीन केस तो सिर्फ एक बानगी भर हैं. इस तरह के इंसीडेंट्स सिटी के कई लोगों के साथ हो चुके हैं. दुनिया से गुजर जाने के बाद भी थानों की फाइलों में वे अभी भी जिंदा हैं. जिंदा ही नहीं बल्कि वह बिजली चोरी जैसा क्राइम भी कर रहे हैं. इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के रजिस्टर में ऐसे हजारों कंज्यूमर्स है जिनकी डेथ के कई साल बीत गए हैं. मगर डिपार्टमेंट बिजली बिल भेजने के साथ उनके खिलाफ अन्य कार्रवाई करता रहता है. डिपार्टमेंट के अधिकारी बिजली बिल भेजने या थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने से पहले सच्चाई का पता लगाना भी उचित नहीं समझते.


करीब एक लाख डेड कंज्यूमरबरेली मंडल में करीब 6,52,286 व बरेली अर्बन में 1,50,000 कंज्यूमर्स हैं। इनमें से कई कंज्यूमर्स ऐसे हैं जिनकी डेथ हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो बरेली मंडल में डेड कंज्यूमर्स की संख्या करीब एक लाख के आस-पास जबकि बरेली अर्बन में ऐसे कंज्यूमर्स की संख्या 24,000 होगी। 1146 पकड़े गए


बिजली चोरी के खिलाफ चलाए गए चेकिंग अभियान के दौरान अब तक सैकड़ों लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। 31 मई से 22 अगस्त के बीच सीबीगंज, किला, सिविल लाइंस, डीडीपुरम, श्यामगंज सहित अन्य एरिया में 1146 कंज्यूमर्स बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए थे। इनमें से 544 कंज्यूमर्स ने करीब 54 लाख फाइन जमा किया। जबकि फाइन जमा नहीं करने वाले 602 कंज्यूमर्स के खिलाफ थानों में केस दर्ज करा दिया गया। सोर्सेज की मानें तो जिन 602 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है उनमें से कई लोगों की बहुत पहले ही डेथ हो चुकी है। अधिकारी नहीं करते पहल

कंज्यूमर्स के अलावा इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि जिनके नाम से कनेक्शन नंबर है, उनकी डेथ के बाद वारिस के नाम पर कनेक्शन नंबर ट्रांसफर कर दिया जाए। टाइम टू टाइम सर्वे कर डिपार्टमेंट को डेड व्यक्तियों का नाम बिजली कनेक्शन से हटा देना चाहिए। मगर अधिकारियों ने सालों से इस मामले में कोई पहल नहीं की है। क्या है processकिसी कंज्यूमर की डेथ के बाद उसके वारिस को अपने नाम पर कनेक्शन ट्रांसफर करा लेना चाहिए। कनेक्शन ट्रांसफर के लिए मृत व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट, एफिडेविट और लास्ट जमा किए गए बिजली बिल की जरूरत पड़ती है। फैमिली का कोई एक मेंबर अपने नाम पर बिजली कनेक्शन नंबर ट्रांसफर करा सकता है। वहीं बाकी फैमिली मेंबर्स को एनओसी जमा करना होता है।'जिनके नाम से बिजली कनेक्शन है उनकी डेथ पर वारिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि इस बात की इंफॉर्मेशन डिपार्टमेंट को दे। डेथ की जानकारी नहीं होने की वजह से ऐसे लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो ही जाती है.' वीपीसी सक्सेना, एसई, अर्बन, हाइडिल विभागReport by-Prashant Singh

Posted By: Inextlive