जूनियर इंजीनियर्स का खेल, लाइन लॉस आउट ऑफ कंट्रोल
- 20 परसेंट से घटने की बजाय दोगुना से अधिक हुआ लाइन लॉस
-शासन को गुमराह करने के लिए इंजीनियर्स ने भेज दी झूठी रिपोर्ट BAREILLY: बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर्स की मिलीभगत से लाइन लॉस का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। हाल यह है कि शहर के जिन इलाकों में लाइन लॉस 30 परसेंट से नीचे था, वहां अब यह आंकड़ा 40 से 50 परसेंट के बीच पहुंच गया है। हैरत की बात रही कि ये जेई शासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए लाइन लॉस की झूठी रिपोर्ट भी भेज दिए थे, लेकिन मामला पकड़ में आने के बाद बुरे फंस गए। अब उन्हें लाइन लॉस में कमी लाने के साथ ही झूठी रिपोर्ट देने पर जवाब-तलब भी कर लिया गया है। यहां 30 परसेंट से ज्यादाबिजली विभाग 20 परसेंट लाइन लॉस को कंसीडरेबल मानता था, लेकिन इसे भी कम करने पर अफसर जोर दे रहे हैं। हालांकि, शहर के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो ज्यादातर स्थानों पर लाइन लॉस 30 परसेंट से ऊपर है। जूनियर इंजीनियर्स की अनदेखी या बिजली चोरों से मिलीभगत कहें, नकटिया, चकमहमूद, शाहदाना और ट्रांसपोर्ट नगर में लाइन लॉस 30 परसेंट को क्रॉस कर 40 से 50 परसेंट तक पहुंच गया है। 30 फीसदी से ऊपर लाइन लॉस पहुंचने पर लखनऊ मुख्यालय ने ट्रांसपोर्टनगर और चकमहमूद क्षेत्र की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, चीफ इंजीनियर अंशुल अग्रवाल को निर्देश दिए है कि सभी जेई ने एनर्जी की जो ऑडिट रिपोर्ट तैयार की है, उसकी अपने स्तर स जांच कराएं। जगतपुर फीडर में लाइन लॉस 50 परसेंट से अधिक पहुंचने की वजह से यहां 4 घंटे की विशेष कटौती भी चल रही है।
फीडर मैनेजर बनाए गए जेई लाइन लॉस रोकने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के जेई को सौंपी गई हैं। यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने पूर्व में ही जेई को फीडर मैनेजर घोषित किया है। साथ ही लाइन लॉस कम करने के लिए फीडरवाइज एनर्जी ऑडिट भी शुरू किया गया है। जिसकी मासिक रिपोर्ट चीफ ऑफिस को सौंपनी होती है। उस रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए आरईसीपीडीसीएल टाटा पावर की ओर से एक तकनीकी मैनपावर भी उपलब्ध कराया गया है। मांगा गया स्पष्टीकरणबढ़ रही लाइन लॉस और फीडर वाइज एनर्जी ऑडिट नहीं करने वाले जेई से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड लखनऊ के प्रबंध निदेशक एपी सिंह ने चीफ इंजीनियर अंशुल अग्रवाल से कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में सबसे शिथिल और खराब प्रगति वाले 5-5 जेई का उत्तरदायित्व तय करें और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए मुझे और यूपी पावर कॉरपोरेशन को अवगत कराएं।
तीन प्वॉइंट पर होनी है फीडर वाइज एनर्जी ऑडिट - वह फीडर जो तीन महीने से लगातार 50 फीसदी से अधिक लाइन लॉस की श्रेणी में चल रहे हैं। - ऐसे फीडर जो लाइन लॉस 30-50 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी से ऊपर पहुंच गए हैं। - ऐसे फीडर जो लाइन हानि 30 फीसदी से कम थे बढ़कर 30 से 50 के बीच में पहुंच गए हैं। इन एरिया में बिजली खपत अधिक शहदाना - 10,000 कंज्यूमर्स। - 5 मिलियन यूनिट बिजली हर महीने हो रही सप्लाई। - 3 करोड़ रुपए का राजस्व हर महीने आना चाहिए। - 1.50 करोड़ रुपए का राजस्व आ रहा। कोहाड़ापीर - 6,000 कंज्यूमर्स। - 2 मिलियन यूनिट हर महीने हो रही सप्लाई। - 1.25 करोड़ रुपए का हर महीने राजस्व आना चाहिए। - 90 लाख रुपए का राजस्व आ रहा। संजय नगर - 4,000 कंज्यूमर्स। - 1.50 मिलियन यूनिट बिजली हर महीने हो रही सप्लाई। - 90 लाख रुपए का हर महीने राजस्व आना चाहिए। - 50 लाख रुपए का राजस्व आ रहा।ओल्ड सिटी
- 7,000 कंज्यूमर्स।
- 3 मिलियन यूनिट हर महीने हो रही सप्लाई। - 2 करोड़ रुपए का हर महीने राजस्व आना चाहिए। - 1.50 करोड़ रुपए का राजस्व आ रहा। नोट- जैसा की बिजली अधिकारियों ने बताया। जेई जो रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। उसकी जांच करने के निर्देश मिले हैं। साथ ही खराब प्रगति वाले जेई का उत्तरदायित्व तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। जिसके लिए संबंधित क्षेत्र के एक्सईएन को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है। अंशुल अग्रवाल, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग