Bareilly: पापा का लाडला बड़ा हो गया है. जब वो बच्चा था तो पापा उसे बड़े प्यार से हवा में उछाल देते थे. लाडले को भी पापा के ऊपर ट्रस्ट होता था वह बिना किसी भय के हंसता रहता था. पापा के लाडले अब बड़े हो गए हैं. बरेली के चुनावी मैदान में जब पापा डटे हैं तो भला उनके लाडले दूर कैसे रह सकते थे. कोई अपनी नौकरी दांव पर लगाकर बरेली में है तो कोई विदेश से अपने शहर पहुंचा है. पापा को भी अपने लाडलों पर पूरा भरोसा है. तभी तो इलेक्शन कैंपेनिंग की सारी जिम्मेदारी इन लाडलों पर ही है. आई-नेक्स्ट की स्पेशल रिपोर्ट.


  लाडले कह रहे हैं, my daddy strongestशहर में पोलिंग डे के महज पांच दिन बचे हैं। मतलब काउंटडाउन शुरू हो चुका है। स्टार प्रचारकों की धूम न सही लेकिन एनआरआई, डॉक्टर, इंजीनियर और मैनेजर जरूर कैंपेनिंग में जुटे हुए हैं। इन्होंने इनडोर और आउटडोर कैंपेनिंग की बागडोर अच्छे से संभाल रखी है। ये हाईटेक प्रचारक उन कैंडिडेट्स के बच्चे और रिलेटिव हैं जो शहर की डिफरेंट विधानसभा सीटों से चुनाव मैदान में खड़े हैं। हाईली क्वालीफाइड ये लाडले इन दिनों एसी रूम्स को छोड़कर सड़कों पर उतर आए हैं। जुबां पर है शहर का डेवलपमेंट और फादर की तारीफ। अब चुनाव के रिजल्ट चाहे जो भी हों लेकिन बरेली की इस यूथ ब्रिगेड का पितृधर्म काबिलेतारीफ है।जॉब लगा दी दांव पर


पेशे से इंजीनियर भुवनेश आजकल डोर टु डोर वोट देने की अपील कर रहे हैं। कंफ्यूज मत होइए, वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं बल्कि अपने पापा के फेवर में वोट कास्ट करने की रिक्वेस्ट कर रहे हैं। दरअसल वह भोजीपुरा विधानसभा सीट के सपा कैंडिडेट वीरेंद्र गंगवार के बड़े बेटे हैं। फरीदपुर की इम्पीरियल ऑटो इंडस्ट्री में इंजीनियर की पोस्ट पर कार्यरत हैं। भुवनेश बताते हैं कि पापा की कैंपेनिंग के लिए वह तीन महीने से लीव पर हैं। उनकी लंबी छुट्टी की वजह से उनकी जॉब दांव पर है लेकिन वह सिटी का डेवलपमेंट देखना चाहते हैं। इसलिए उन्हें जॉब का रिस्क मंजूर है। जोर-शोर से कैंपेनिंग कर रहे भुवनेश ने बताया कि इलेक्शन कैंपेनिंग के चलते ढंग से सो भी नहीं पा रहे हैं। ज्यादातर समय वह जनसम्पर्क में बिता रहे हैं। पापा की गैरहाजरी में वह पूरा बिजनेस भी संभालते हैं। वीरेंद्र गंगवार खुद अपने बेटे की तारीफ करते नहीं थकते। उन्हें बेटे पर पूरा भरोसा है।शब्दों की जंगहमारी सरकार ने उत्तराखंड में सशक्त लोकपाल के रूप में एक ऐसा कानून बनाया है जिसके दायरे में मुख्यमंत्री भी हैं। विपक्षी पार्टियों ने समाज को केवल बांटने का काम किया है। बीजेपी नेतृत्व की सरकार को समय की मांग है।- प्रकाश पंत, बीजेपीप्रकाश पंत ने संडे को बीजेपी से कैंट कैंडिडेट राजेश अग्रवाल के सपोर्ट में प्रेस कॉन्प्रेंस की। प्रेस कांफ्रेस के दौरान सुधीर जैन, सुभाष पटेल, उमेश कठेरिया समेत कई लोग मौजूद थे।

सपा ने अपने शासनकाल में गुंडई फैलाई तो बसपा ने लूट मचाई। सपा के शासन काल की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बसपा सरकार ने लूट को संगठित रूप दिया। प्रदेश के विकास के लिए भाजपा का सत्ता में आना बहुत जरूरी है.  हम विकास के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। - कलराज मिश्र,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपाकलराज मिश्र भाजपा उम्मीदवार राजेश अग्रवाल के सपोर्ट में संडे को मढ़ीनाथ में ऑर्गनाइज एक सभा में पहुंचे थे।डॉक्टरी नहीं कैंपेनिंगडॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे तनीम आजकल भोर से सांझ तक जुलूस में अपना दमखम दिखा रहे हैं। वह कैंट से सपा प्रत्याशी फहीम साबिर के बेटे हैं। चुनाव प्रचार में वह अकेले नहीं हैं। उनकी बहन लुबना जुबैद भी अहमदाबाद से उनका साथ देने के लिए बरेली में हैं। तनीम रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। कैंपेनिंग में वह इतना रम गए हैं कि एक महीने से उनकी पढ़ाई भी चौपट है। पापा की हेल्प के लिए वह कैंपेनिंग से लगाकर प्रचार सामग्री की परचेजिंग और चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। एनआरआई ऑफिस में और इंजीनियर डोर टू डोर

चंडीगढ़ में इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमित शर्मा ने वहीं पर अपना बिजनेस जमा लिया। विधान सभा इलेक्शन 2012 के एनाउंसमेंट के बाद वह खुद को रोक नहीं सके। अरे भई उनके मामा अनिल शर्मा शहर सीट से सपा के प्रत्याशी जो हैं। उनकी हेल्प भी तो जरूरी है। फिलहाल वह डेली दल-बल के साथ रोड पर कैंपेनिंग के लिए निकल पड़ते हैं.हंसते हुए कहते हैं कि जो कर रहा हूं सिटी के लिए कर रहा हूं। यही नहीं ऑस्ट्रेलिया से उनके भाई सचिन भी बरेली पहुंच चुके हैं। अमित ने बताया कि सचिन ऑफिस में बैठकर रणनीति बनाते उन्होंने शहर को 7 जोन में डिवाइड कर लिया है। उसी के बेस पर प्रचार कर रहे हैं। इलेक्शन में अपने मामा की जीत के प्रति आश्वस्त अमित ने बताया कि उन्हें उनकी टीम पर पूरा भरोसा है। पापा को इनडोर सपोर्टकैंट क्षेत्र से भाजपा कैंडिडेट राजेश अग्रवाल पूरे इत्मिनान से डोर टु डोर कैंपेनिंग कर पा रहे हैं। उनके इस इत्मिनान के पीछे कोई और नहीं उनके बेटे मनीष अग्रवाल हैं। उन्होंने पापा की गैरहाजिरी में पूरा बिजनेस संभाल रखा है। इतना ही नहीं ऑफिस से ही वह चुनावी रणनीति की रूपरेखा बनाना, कैंपेनिंग के रूट डिसाइड करना, प्रचार सामग्री से लगाकर एबीवीपी और भारतीय जनता युवा मोर्चा को डील कर रहे हैं। पेशे से बिजनेसमैन मनीष शीला फूड प्राइवेट लिमिटेड, शीला इंटरप्राइजेज समेत मेडिसिन की सीएनएफ भी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि उनका पॉलिटिक्स से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है लेकिन हर इलेक्शन में वह इसी तरह पापा की हेल्प करते आ रहे हैं।
पापा को इनडोर सपोर्टकैंट क्षेत्र से भाजपा कैंडिडेट राजेश अग्रवाल पूरे इत्मिनान से डोर टु डोर कैंपेनिंग कर पा रहे हैं। उनके इस इत्मिनान के पीछे कोई और नहीं उनके बेटे मनीष अग्रवाल हैं। उन्होंने पापा की गैरहाजिरी में पूरा बिजनेस संभाल रखा है। इतना ही नहीं ऑफिस से ही वह चुनावी रणनीति की रूपरेखा बनाना, कैंपेनिंग के रूट डिसाइड करना, प्रचार सामग्री से लगाकर एबीवीपी और भारतीय जनता युवा मोर्चा को डील कर रहे हैं। पेशे से बिजनेसमैन मनीष शीला फूड प्राइवेट लिमिटेड, शीला इंटरप्राइजेज समेत मेडिसिन की सीएनएफ भी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि उनका पॉलिटिक्स से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है लेकिन हर इलेक्शन में वह इसी तरह पापा की हेल्प करते आ रहे हैं। Report by: Abhishek Mishra

Posted By: Inextlive