Bareilly : आरयू में पीएचडी एडमिशन प्रोसीजर को स्टार्ट होने में स्टूडेंट्स को अभी और लंबा वेट करना पड़ सकता है. स्टेट गवर्नमेंट ने गवर्नर के अप्रूवल के बाद जो पीएचडी ऑर्डीनेंस का ड्राफ्ट जारी किया उस पर भी आरयू से एफिलिएटेड टीचर्स का काफी विरोध रहा. इसके चलते आरयू ने उसके मेन रूल्स को अमेंडमेंट करते हुए स्टेट गवर्नमेंट को अप्रूवल के लिए भेज दिया है. लेकिन जानकारों की मानें तो जिन रूल्स को लेकर विवाद गहराया है उसके अमेंडमेंट को अप्रूव कराना इतना आसान नहीं है. लिहाजा एक्सपट्र्स यह मानकर ही बैठे हैं कि फिलहाल अमेंडमेंट रूल्स के साथ पीएचडी की प्रक्रिया स्टार्ट कराना न तो उतना आसान है और न ही ये अमेंडमेंट जल्द अप्रूव होने वाले हैं.


यूजी टीचर्स नहीं बन सकते गाइडगवर्नमेंट ने जो पीएचडी ऑर्डीनेंस का ड्राफ्ट भेजा था। उसपर सबसे ज्यादा आरयू से एफिलिएटेड एडेड व गवर्नमेंट कॉलेजेज के टीचर्स का सबसे ज्यादा विरोध था। ऑर्डीनेंस के अनुसार सबसे अहम रूल में जो फेरबदल किया था वह यह है कि यूजी टीचर्स पीएचडी के लिए गाइड नहीं बन सकते। केवल पीजी पढ़ाने वाले टीचर्स ही गाइड बनने की एलिजिबिलटी रखते हैं, वे भी जिन्हें 5 वर्ष से ज्यादा एक्सपीरिएंस हो और कम से कम 2 पेपर्स पब्लिश हो चुके हों।


वहीं एक और बड़ा फेरबदल करते हुए ऑर्डिनेंस में रिटायर्ड टीचर्स से भी पीएचडी कराने पर रोक लगा दी गई है। इन दोनों रूल्स पर टीचर्स का सबसे ज्यादा विरोध है। जबकि आरयू के हिस्ट्री में अब तक यूजी और रिटायर्ड टीचर्स भी पीएचडी के लिए गाइड बना करते थे। यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइंस के बाद स्टेट गवर्नमेंट ने ऑर्डिनेंस का ड्राफ्ट जारी किया। रूल्स चेंज होने के बाद से ही करीब 5 वर्षों से आरयू में पीएचडी के नए एडमिशन नहीं हो पाए हैं। Amendments के बाद

रूल्स यदि अमेंड हुई तो स्थिति पहले जैसे ही हो जाएगी। मसलन एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में अप्रूव होने के बाद जो ऑर्डिनेंस अमेंड करने के लिए भेजा गया है उसके अनुसार यूजी के एक्सिपीरिएंस टीचर्स को गाइड बनाने की सिफारिशें की गई हैं। इसके लिए उन्होंने कम से कम 15 वर्ष का टीचिंग का एक्सपीरिएंस होने की बात कही है। इसके साथ ही करीब 65 वर्ष तक रिटायर्ड टीचर्स को भी पीएचडी गाइड बनाए जाने की सिफरिश की गई है।रूल्स में अमेंडमेंट्स है टेड़ी खीरएक्सपट्र्स की मानें तो इस तरह के रूल्स में अमेंडमेंट टेढ़ी खीर है। इसके पीछे उनका तर्क भी वाजिब है। दरअसल यूजीसी ने इन्हीं मेन रूल्स पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ऑर्डिनेंस की गाइडलाइंस को चेंज किया था। अब इन्हीं रूल्स को आरयू पहले जैसे करने की ही मांग कर रहा है। ऐसे में अमेंडमेंट यूजीसी की गाइडलाइंस के बिल्कुल उलट है। ऐसे में एक्सपट्र्स तो यही मान रहे हैं कि अमेंडमेंट कराना ही एक लंबी प्रक्रिया हो जाएगी।CET पर भी है रारयही नहीं आरयू को कंबाइंड इंट्रेंस टेस्ट पर भी आपत्ति है। एक सेंट्रलाइज्ड इंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट न कराकर यूनिवर्सिटी अपना टेस्ट कंडक्ट कराना चाहता है। ताकि वह अपने टाइम के अनुसार एकेडमिक सेशन को फॉलो करते हुए इंट्रेंस टेस्ट सही समय पर कंडक्ट करा सके। इस रूल को भी अमेंडमेंट के लिए स्टेट गवर्नमेंट को भेजा गया है।

Posted By: Inextlive