Bareilly : रमजान और सावन की शुरुआत से पहले सिटी पुलिस ने तैयारियों को लेकर 'हवाई फायरÓ तो खूब किए लेकिन रियलिटी के पैरामीटर पर अफसरों के सामने ही फायर मिस होते रहे. ट्यूजडे को दंगाइयों से निपटने के लिए पुलिस ने पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल कर तैयारियों को परखा तो सच सामने आ गया. जंग लगे आंसू गैस के गोले एसपी सिटी व सीओ सिटी ने फेंके तो फुस्स हो गए. यही नहीं रिहर्सल में पहुंचने वाले कुछ जवान ऐसे भी थे जिन्होंने इससे पहले एंटी रायट गन नहीं चलाई थी. लापरवाही का आलम यह कि थानों की ओर से बुजुर्ग पुलिसकर्मी और बीमार पुलिसकर्मियों को खानापूर्ति के लिए भेज दिया गया. इसे लेकर एसएसपी आकाश कुलहरि ने एसएचओ प्रेमनगर शक्ति सिंह व एसओ बारादरी जसवीर से स्पष्टीकरण मांगा है.


Anti riot gun से firing नहीं दंगों के दौरान पुलिस को मुस्तैद रहने के लिए एसएसपी ने मंडे को सभी थानों से हेड-मोहर्रिर के साथ पांच यंग यानी 2011 बैच के पुलिसकर्मी को रिहर्सल में पहुंचने का आदेश जारी किया था पर कोतवाली को छोड़कर अधिकतर थानों के पुलिसकर्मी बुजुर्ग थे। ट्यूजडे को सुबह एडीएम सिटी अरुण कुमार, एसपी सिटी त्रिवेणी सिंह, सीओ फस्र्ट अरुण कुमार, सीओ पुलिस लाइन किरीट राठौड़ व अंडर ट्रेनी आईपीएस देवरंजन के नेतृत्व में रिहर्सल शुरू हुई। कोई भी पुलिसमैन एंटी रायट गन नहीं पकड़ सका। सही देखभाल न होने से गन से फायरिंग भी नहीं हुई।SSP ने की तहकीकात


कुछ देर बाद रिहर्सल में डीएम अभिषेक प्रकाश, एसएसपी आकाश कुलहरि व एसपी ट्रैफिक राकेश जौली भी पहुंच गए। एसएसपी ने सबसे पहले पुलिसकर्मियों से पूछा कि किस-किस ने एंटी रायट गन चलायी है तो सभी ने न में जबाव दिया। एसएसपी को अधिकांश पुलिसकर्मी बुजुर्ग व बीमार मिले।  मिर्ची ग्रैनेड का यूज

दंगाइयों से निपटने के लिए इस साल पुलिस ने कुछ खास इंतजाम किए हैं। इनमें स्टेन ग्रैनेड के साथ-साथ मिर्ची व मार्कर ग्रैनेड का भी यूज किया जाएगा। ये ग्रैनेड पुलिस लाइन में पहुंच गए हैं। स्टन ग्रैनेड से तेज आवाज होती है, जिससे लोगों को सुनाई देना बंद हो जाता है। मार्कर ग्रैनेड से शरीर पर ब्लू कलर के निशान बन जाते हैं।

Posted By: Inextlive