हरुनगला के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने के लिए बीएसए ने दी इजाजत

स्कूल में नहीं हैं साइंस मैथ्स के एक भी टीचर

BAREILLY

बिजली विभाग में नौकरी कर समाज की सेवा करने वाले एक रिटायर्ड इंजीनियर ने देश का भविष्य संवारने का संकल्प लिया है। इसके लिए उन्होंने प्राइमरी स्कूल को चुना है, जहां वह बच्चों को मैथ्स और साइंस की शिक्षा देकर काबिल बनाएंगे। उनके इस जज्बे का बीएसए चंदना राम इकबाल यादव ने भी स्वागत किया। उनके अनुरोध को एक्सेप्ट करते हुए स्कूल में पढ़ाने की इजाजत दे दी।

ग्रीन पार्क निवासी निरंकार गुप्ता बिजली विभाग से वर्ष 2010 में बतौर इंजीनियर रिटायर हुए थे। इसके बाद वह अपना समय परिवार के लिए देते रहे। बेसिक स्कूलों में शिक्षा की बदहाली ने उनके अन्तर्मन को झकझोर दिया। देश के भविष्य को संवारने के लिए प्रेरित किया। फिर क्या था, वह परिवारवालों से बताये बिना थसर्ड वह घर से बीएसए ऑफिस के लिए निकल पड़े। बीएसए से मुलाकात कर उन्होंने हरुनगला के उच्च प्राथमिक विद्यालय में मैथ्स और साइंस पढ़ाने की इजाजत मांगी। उम्र के इस पड़ाव के देश की सेवा करने के जज्बे को देखकर बीएसए भी भावुक हो गई। उन्होंने सहर्ष उन्हें स्कूल में पढ़ाने की इजाजत दे दी।

स्टूडेंट्स को मिल गया टीचर

निरंकार जी की इस पहल से हरुनगला उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे 6, 7 व 8 के 150 स्टूडेंट को टीचर मिल गया। इस स्कूल में अभी तक साइंस और मैथ्स का कोई टीचर नहीं था।

मैथ्स और सांइस के टीचर्स का टोटा

डिस्ट्रिक्ट में लगभग 3 हजार बेसिक स्कूल हैं, जिनमें 2098 प्राइमरी स्कूल और 794 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। स्कूलों के मुकाबले टीचर्स की संख्या बेहद कम है। बेसिक स्कूलों में मैथ्स और साइंस के कुल टीचर्स 320 हैं। इनमें 155 मैथ्स और 165 टीचर्स साइंस के हैं।

खुद मुश्किल से पढ़ बने इंजीनियर

निरंकार गुप्ता ने बताया शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। परिवार की स्थिति ठीक न होने के कारण पढ़ने के दौरान हच् बच्चों को ट्यूशन देना शुरू कर दिया था। ट्यूशन से मिले पैसों से फीस जमा आगे की पढ़ाई की।

Posted By: Inextlive