Bareilly : स्टूडेंट्स का रिसर्च फील्ड से इंट्रेस्ट घटता जा रहा है. जो रिसर्च हो भी रहे हैं उनमें कुछ नयापन नहीं है. इनोवेटिव रिसर्च में भारत काफी पिछड़ता जा रहा है. इन्हीं सब विचारों को लेकर जिला विज्ञान क्लब और जहीर साइंस फाउंडेशन की तरफ से बीसीबी में राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति 2013 के संदर्भ में एसटीआई पॉलीसी प्रवर्तन मंथन टॉपिक पर सेमिनार ऑर्गनाइज किया गया. चीफ गेस्ट आईजी बरेली जोन के आलोक शर्मा ने कहा कि टीचर्स समाज में वैज्ञानिक सोच को विकसित करें. जिससे विजन 2020 का लक्ष्य प्राप्त हो. यहां विजन 2020 से उनका मतलब था कि देश हर मोर्चे पर सर्वाधिक स्थान पर हो. इससे पहले प्रिंसिपल डॉ. आरपी सिंह सीएसआईआर के पूर्व डायरेक्टर डॉ. त्यागराजन समेत कई गेस्ट्स ने सेमिनार का इनॉग्रेशन किया.


बढ़ रही है आर्सनिक की मात्राइस ऑकेजन पर पोस्टर प्रदर्शनी भी ऑर्गनाइज की गई। इसमें आख्या, मयंक, आरती, शीतल, राहुल, मोहित, शिवा, आयुषी को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। डॉ। जी त्यागराजन ने देश में नवप्रवर्तन की स्थिति पर प्रकाश डाला। साथ ही आरयू के प्लांट साइंस के प्रोफेसर डॉ। वीपी सिंह ने आर्सनिक से होने वाले ह्यूमन के प्रभाव को विस्तृत रूप से समझाया। उन्होंने बताया कि प्रेजेंट फूड और वॉटर काफी कॉन्टैमिनेटेड हो गया है। इसमें आर्सनिक की मात्रा ज्यादा है। इससे मनुष्यों में स्किन डिजिसेस काफी बढ़ती जा रही हैं।

Posted By: Inextlive