सयाली भगत... मॉडलिंग और फैशन वल्र्ड में यह नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. 2004 में फेमिना मिस इंडिया का ताज पहनने वाली सयाली ने जब फिल्म जगत में कदम रखा तो भी कभी पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी. उन्होंने 2007 में 'द ट्रेन' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. तब से हिंदी के साथ-साथ तमिल तेलुगू की भी तमाम फिल्मों में अपनी एक्टिंग के जलवे बिखेर चुकी हैं. अपनी अगली फिल्म में वह बिल्कुल नए रूप में सामने आने वाली हैं. आई नेक्स्ट रिपोर्टर से हुई खास बातचीत में सयाली भगत ने अपनी जिंदगी के तमाम राज खोले.


* किन प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है?दो फिल्में रिलीज होने वाली हैं और दो की शूटिंग जारी है। इसमें सबसे पहले 'राजधानी एक्सप्रेसÓ रिलीज होगी। फिल्म 'दिस वीकेंडÓ में स्टंट करती नजर आएंगी। इसके अलावा टी सीरीज की फिल्म 'यारियाÓ में काम कर रही हूं, यह एक  म्यूजिकल फिल्म है। जिसकी कहानी एक कॉलेज गर्ल की है।* फैशन जगत के बारे में जो स्कैंडल की खबरें आती हैं, वह किस हद तक सही हैं?फिल्म के साथ-साथ मैं फैशन जगत में भी एक्टिव हूं। जिन लोगों को फैशन जगत में इंट्री नहीं मिलती है वही उसे बदनाम करते हैं। वास्तव में, फैशन जगत प्रेजेंट समय में हर यूथ का ड्रीम होता है। और वह एक बार हाथ भी आजमाने की कोशिश करता है, पर जब उसे सफलता नहीं मिलती है तो इस तरह की बातें सामने आती हैं।


* आपने अब तक के करियर में काफी प्रयोग किए हैं, क्या यह खुद स्थापित करने के लिए जरूरी है?

मैंने सभी डिफरेंट मूड की फिल्म्स में काम किया है। मुझे लगता है कि अगर आप फिल्म इंडस्ट्री में लंबी पारी खेलना चाहते हैं, तो यह बहुत जरूरी है। मैंने हाल ही में आई हॉरर फिल्म 'घोस्टÓ में एक ऐसी लड़की का किरदार निभाया है, जिसे दो तरह के एक्सप्रेशंस देने थे। यह मुश्किल था।* फिल्म साइन करते समय क्या देखती हैं?प्रेजेंट टाइम में बैनर से ज्यादा फिल्म की स्टोरी मायने रखती है। मैं फिल्म साइन करने से पहले स्टोरी जरूर सुनती हूं, अगर उसमें कुछ पंचिंग लगता है तभी फिल्म साइन करती हूं। वहीं, मुझे नए डायरेक्टर्स के साथ काम करना भी काफी अच्छा लगा, हर किसी की वर्किंग स्टाइल अलग होता है, इससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है। मुझे आर्ट फिल्म्स भी अट्रैक्ट करती हैं।* आपका ड्रीम रोल क्या है और इंडस्ट्री में किसे अपना आइडियल मानती हैं?मुझे एक पीरियड फिल्म में काम करना है। खासकर मुझे मुगलेआजम की अनारकली बहुत पसंद है। मुझे ऐसा ही एक लीजेंड्री रोल करने का मन है। फिल्म इंडस्ट्री में मैं आमिर खान और माधुरी दीक्षित को अपना आइडियल मानती हूं। आमिर का एक ही प्रोजेक्ट में डूब कर काम करना और माधुरी की आर्टिस्टिक स्टाइल अच्छी लगती है।* हीरोइनें साउथ की फिल्म्स में ज्यादा इंट्रेस्टेड रहती हैं, क्या वजह है?

साउथ की फिल्में जमीनी स्तर पर बनती हैं। वह तो वास्तव में एक्टिंग की पाठशाला है। वहां की फिल्में एक ही शेड्यूल में तैयार होती हैं और उनमें रिसर्च भी सबसे ज्यादा होती है। यहां काम करके मुझे एक्टिंग की बारीकियां सीखने को मिली हैं।* किसी भी फिल्म के हिट होने के लिए खान फैक्टर कितना जरूरी मानती हूं?फिल्म इंडस्ट्री के खान एक्टर्स ने अपनी लंबी-चौड़ी फैन फॉलोइंग तैयार की है। फिल्म के हिट होने के लिए फैंस की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। पर ऐसा नहीं है कि केवल उनकी ही फिल्में हिट होती हैं। फैन फॉलोइंग कोई भी तैयार कर सकता है।* एक्टर न होतीं तो क्या होतीं?मैं जर्नलिज्म के लिए क्रेजी थी। इसके लिए मैंने ट्रेनिंग भी ली, पर केवल एक ही इंटरव्यू किया। यह इंटरव्यू क्रिकेटर राहुल द्रविड़ का था। इसके अलावा सोशल सर्विस करने वाली संस्थाओं से जुड़ी हूं।Report by: Nidhi Gupta

Posted By: Inextlive