Bareilly: स्टूडेंट्स यूनियन हर मोर्चे पर अपने मोटिव से भटकता जा रहा है. चाहे वह स्टूडेंट्स वेलफेयर की बात हो या फिर मोरल वैल्यूज की. 5 साल बाद जब कैंपस में यूनियन के गठन की मांग उठी तो कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन पर स्टूडेंट्स को गुमराह करने और उनका शोषण करने के आरोप लगाए गए. छात्र नेताओं ने दावा किया कि यूनियन बनने के बाद कोई भी स्टूडेंट्स के इमोशंस के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकेगा पर करंट सिचुएशन तो कुछ और ही शो कर रही है. जिन छात्र नेताओं ने स्टूडेंट्स वेलफेयर के वादे किए थे अब खुद ही उन्हें कैंपस में ही तोड़ भी रहे हैं.


जमती हैं महफिलें बरेली कॉलेज की स्टूडेंट्स यूनियन पर छात्रों से वसूले गए यूनियन फंड के बंदरबांट के आरोप तो लगे ही हैं, यूनियन की बिल्डिंग को उन्होंने अय्याशी का अड्डा भी बना लिया है। छात्रसंघ भवन में स्टूडेंट्स से रिलेटेड वेलफेयर के काम छोड़ नेता और उनके समर्थक बाकायदा महफिलें सजाते हैं।परपज से भटकेछात्रसंघ भवन की नींव रखने का परपज वही था जो एक आम सरकारी ऑफिस का होता है। गवर्नमेंट ऑफिस में विभाग के रिलेटेड अधिकारी होते हैं, जिनसे पब्लिक अपनी प्रॉब्लम्स से रिलेटेड सॉल्यूशन जान सके। स्टूडेंट्स यूनियन बिल्डिंग का भी यही परपज है, जहां पर सभी इलेक्टेड रिप्रेजेंटेटिव्ज एक साथ स्टूडेंट्स की पहुंच में रह सकें और उनकी प्रॉब्लम्स को प्रायरिटी बेसिज पर सुनें लेकिन बीसीबी के छात्रसंघ भवन में कुछ और ही परपज सॉल्व किया जा रहा है।स्टूडेंट्स कतराते हैं


एक आम जनरल स्टूडेंट्स यूनियन बिल्डिंग में जाने से कतराता है। जबकि बीसीबी में गल्र्स की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में आम गर्ल स्टूडेंट तो बिल्डिंग से कोसों दूर रहने में ही अपनी भलाई समझती हैं। उसे किसी छात्रनेता से कोई काम होता है तो वह बिल्डिंग से बाहर कैंपस में मिलना ज्यादा सेफ महसूस करती हैं।और खुल जाती हैं बोतलें

'बीसीबी कैंपस में बनी स्टूडेंट्स यूनियन बिल्डिंग में शाम से देर रात तक वाइन की महफिल सजती है। दिन भर स्टूडेंट्स लीडर्स और उनके समर्थकों का जमावड़ा तो होता ही है लेकिन शाम होते-होते ऐसे छात्र नेता आ जाते हैं जो खाने-पीने के ज्यादा शौकीन हैं। सोर्सेज की मानें तो कैंपस की क्लासेज बंद होने के बाद यहां का माहौल काफी अराजक सा हो जाता है। महंगी वाइन से लेकर नॉनवेज पार्टी बिल्डिंग में आम बात हो गई है। बोतलें खुलती हैं तो देर रात तक बैठकी खत्म होती है।मेरे ऑफिस में ऐसा कुछ भी अनैतिक काम नहीं होता है। छात्रसंघ फंड के बाद अब हमें बदनाम करने की यह नई साजिश है। कुछ लोग नहीं चाहते कि छात्रसंघ एकसाथ रहें और छात्रहित की बात करें। कुछ लोग हमें बदनाम कर अपनी पॉलिटिक्स खेल रहे हैं.'-जवाहर लाल, प्रेसीडेंट, स्टूडेंट्स यूनियन बीसीबी'मैं तो सिगरेट तक नहीं पीता शराब तो दूर की बात है और न ही छात्रसंघ भवन में ऐसा होता है। कुछ विरोधी छात्रनेता अब हमें बदनाम करने में जुट गए हैं। हमारे खिलाफ साजिश के तहत एक के बाद एक इल्जाम लगाए जा रहे हैं, जिनमें कोई सच्चाई नहीं है.'-हृदेश यादव, जनरल सेक्रेट्री स्टूडेंट्स यूनियन बीसीबी

'मैं कॉलेज कैंपस के कई राउंड लगाता हूं। जहां तक छात्रसंघ भवन का सवाल है तो मैं खुद अपनी निगरानी में भवन का ताला लगवाकर ही कैंपस से जाता हूं। मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है.'-डॉ। जोगा सिंह होठी, चीफ प्रॉक्टर बीसीबी

Posted By: Inextlive