परिवहन मंत्री को ट्वीट, आधा घंटा में मिल गया बस में छूटा बैग
-सैटेलाइट बस अड्डा से रोडवेज की बस में छूट गया था मैनेजर का बैग
-यूपी 100 और सेटेलाइट बस अड्डे पर शिकायत करने पर भी नहीं हुआ था एक्शनBAREILLY: रेलवे की तरह अब परिवहन निगम की बसों में भी ट्विटर पर कंप्लेंट कारगर साबित हो रही है। बरेली में इसका एक ताजातरीन मामला देखने को मिला, जब एक बैंक मैनेजर का रुपयों से भरा बैग रुपईडीहा जा रही परिवहन निगम की बस में छूट गया। बैग बस में रह जाने के बाद घबराए बैंक मैनेजर ने सेटेलाइट पर एआरएम से कंपलेंट की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अधिकारियों ने हेल्प करने में असमर्थता जतायी। इस दौरान किसी ने उन्हें ट्विटर पर कंप्लेंट करने की सलाह दी। कम्प्लेंट ने अपना असर दिखाया और चंद मिनट में निगम के वह अधिकारी जो आनाकानी कर रहे थे, बैग की तलाश में लग गए और आधा घंटा में बस की लोकेशन के साथ बैग को सुरक्षित रखवा लिया गया।
पानी पीने के लिए उतरे थेसचिन शुक्ला, पिपरिया दुलई पूरनपुर पीलीभीत के रहने वाले हैं। वह बुलंदशहर में कैनरा बैंक में मैनेजर हैं। सचिन 26 मई को छुट्टी पर घर आए थे। उन्होंने सैटेलाइट बस अड्डे से रुपैडिया जाने वाली बस पकड़ी थी। उन्होंने ड्राइवर के पास वाली सीट पर अपना बैग रखा था और ड्राइवर से बोलकर नीचे किसी काम से चले गए थे। वह कुछ देर में वापस भी आ गए लेकिन इतनी देर में बस ड्राइवर बस लेकर चला गया। सचिन ने तुरंत मौके पर मौजूद यूपी 100 की मदद से बस का पीछा भी कराया, लेकिन तब तक बस निकल चुकी थी।
एआरएम ने खुद सौंपा बैग सचिन ने सैटेलाइट बस अड्डे पर जाकर परिवहन विभाग के स्टाफ से शिकायत की थी, लेकिन उनकी किसी ने कोई मदद नहीं की। जिसके बाद उन्होंने अपने भाई सुबनीत को जानकारी दी। सुबनीत बीजेपी के वर्कर हैं। उन्होंने तुरंत मामले की शिकायत यूपी परिवहन विभाग के ट्विटर हैंडल @Parivahanup और यूपी के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर स्वतंत्रदेव सिंह के ट्विटर अकाउंट @swatantrabjp पर की। शिकायत करते ही एक्शन होना शुरू हो गया। करीब आधा घंटे बाद जवाब मिला कि बैग तलाश लिया गया है। बैग सीतापुर डिपो में रखवा दिया गया है और वह एआरएम सीतापुर से बैग जाकर ले सकते हैं। बैग वापस मिलने पर मैनेजर के भाई ने परिवहन विभाग के टि्वटर अकाउंट पर शुक्रिया बोला। ट्वीट करने पर बस अड्डे तक गई बसबृजभूषण पांडे ने एक दिन पहले ही ट्वीट किया था कि उन्होंने बनारस से कानपुर की तीन सीट बुक कराई थीं, लेकिन बस हेल्पर ने उसने बैग रखने के लिए रुपयों की मांग की। ट्वीट करते ही उनके मामले में एक्शन लिया गया। सौरभ गुप्ता ने दो दिन पहले ट्वीट किया था कि उनका भाई शशांक, पत्नी और 6 साल के बच्चे के दिल्ली से खतौली के लिए निकले थे, लेकिन बस ड्राइवर बाईपास से बस ले जा रहा है। ट्वीट करने के बाद बस डिपो तक गई। अंकुर टंडन ने शिकायत की थी कि कौशाम्बी में एसी बस बिना सूचना के कैंसिल हो गई। ट्वीट करने के बाद रुहेलखंड डिपो की एसी बस से टिकट का रुपया वापस भेज दिया गया। इसी तरह से ट्वीट करते ही तुरंत एक्शन हो रहा है।