स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए 1 लाख ऑनलाइन वोटिंग की जरूरत से पीछे बरेली

नगर आयुक्त जर्मनी में सरकारी दौरे पर, मेयर साउथ कोरिया में रोटरी प्रोग्राम में बिजी

BAREILLY:

स्मार्ट सिटी की दहलीज लांघने का सपना बुन रहे बरेली के सामने इसके अपने ही बाधा बन रही। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में जनता की भागीदारी जोड़ने के लिए ऑनलाइन वोटिंग की जो शर्त रखी गई, उसमें बरेली पिछड़ गया है। 30 मई तक जरूरी 1 लाख वोट के टारगेट के मुकाबले बरेली करीब 20 फीसदी पीछे रह गया। एक लाख वोटिंग न होने की सूरत में बरेली स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर नम्बर कम होने पर पिछड़ने का खतरा है। इस मुश्किल से उबरने के लिए जिम्मेदारों से एक्स्ट्रा दमखम लगाने की उम्मीद थी। लेकिन मेयर डॉ। आईएस तोमर और नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव बरेली से हजारों मील दूर विदेशों में अपने जरूरी दौरों को निपटाने में ि1बजी हैं।

अवेयरनेस में पिछड़ा निगम

30 मई को नगर निगम वेबसाइट समेत माय गोव और ट्वीटर पर ऑनलाइन वोटिंग की आखिरी समय सीमा थी। तय तारीख तक वोटों का टारगेट पूरा करने को निगम की ओर से न तो शहर में कोई होर्डिग्स लगाई गई। न ही अन्य माध्यमों के जरिए जनता को वोटिंग के लिए अवेयर किया गया। वोटिंग डेडलाइन के आखिरी दौर में जब निगम को अपने दोनो बड़े मुखियाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है। तब वे विदेश में बिजी हैं। मेयर साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में रोटरी के एक प्रोग्राम में बिजी हैं। जबकि नगर आयुक्त 28 मई को नगर विकास मंत्री आजम खां व अन्य अधिकारियों के साथ जर्मनी के म्यूनिख शहर में एक सरकारी दौरे पर गए हुए हैं।

10 फीसदी वोट कंपल्सरी

शहरी विकास मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक स्मार्ट सिटी की दौड़ में भागीदारी कर रहे निकायों को एक शर्त पूरी करनी है। जिसमें अपने शहर की कुल जनता का मिनिमम 10 फीसदी वोट प्रोजेक्ट के लिए कराना जरूरी है। 2011 की जनगणना के मुताबिक बरेली शहर की आबादी 8.89 लाख आंकी गई। 2016 के हिसाब से शहरी जनसंख्या का अनुमान करीब 10 लाख माना गया है। ऐसे में स्मार्ट सिटी में एरिया बेस्ड डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट का चुनाव करने को निगम ने मिनिमम 1 लाख ऑनलाइन वोटिंग का टारगेट बनाया है।

-----------------------------

Posted By: Inextlive