GORAKHPUR : 2014 नई उम्मीदें लेकर आ चुका है. हर सपना सच होगा तो दिन बीतने के साथ लोग कामयाबी की नई ऊंचाइयां चढ़ेंगे. मगर डीडीयू यूनिवर्सिटी का सेशन 2013 विवादों के रूप में जाना और पहचाना जाएगा. 2013 में यूनिवर्सिटी की हिस्ट्री में कामयाबी के तमगे तो कम लगे मगर विरोध का सुर जरूर बुलंद हुआ. यूनिवर्सिटी के इस रवैये ने न सिर्फ स्टूडेंट्स के फ्यूचर पर काले बादल छा दिए बल्कि उन्हें क्लास रूम से बाहर निकाल रोड पर प्रोटेस्ट तक पहुंचा दिया. इस साल न तो सही से क्लास चली और न ही टाइम पर रिजल्ट डिक्लेयर हुआ.


मारपीट और फायरिंग तक हो गईडीडीयू यूनिवर्सिटी के लिए साल 2013 बुरी यादों भरा रहा। इस साल यूनिवर्सिटी में वह सब कुछ हुआ जो शायद क्रिमिनल्स की बस्ती में भी नहीं होता होगा। स्टूडेंट्स ने स्कॉलरशिप के लिए धरना दिया, प्रदर्शन किया। फिर जियोग्राफी और बीए, बीएससी के रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर प्रोटेस्ट से शुरू हुआ विरोध सड़क तक जा पहुंचा। मारपीट, पथराव से लेकर लाठीचार्ज तक हुआ। इस विवाद में गल्र्स को भी नहीं बख्सा। उनके साथ भी अभद्रता से लेकर मारपीट तक हुई। वहीं हॉस्टल की प्रॉब्लम को लेकर पुलिस से स्टूडेंट्स की तीखी नोंकझोंक हुई। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को हॉस्टल पर फायरिंग तक करनी पड़ी।धरना तो रूटीन क्लास बन गई
सेशन 2013 में धरना तो मानो यूनिवर्सिटी की रूटीन क्लास बन गई हो। जिसमें स्टूडेंट्स की अटेंडेंस लगना जरूरी है। कभी एडमिशन को लेकर स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी गेट पर धरना देते रहे तो कभी सीट बढ़ाने को लेकर एडी बिल्डिंग में प्रोटेस्ट करते रहे। वहीं रिजल्ट डिक्लेयर होने में लेट होने से यूनिवर्सिटी की क्लास रेगुलर नहीं चल सकी। इस साल अभी तक कई स्टूडेंट्स ऐसे है, जिनके रिजल्ट डिक्लेयर नहीं हुए है।

Posted By: Inextlive