Gorakhpur : डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में नए सेशन की शुरुआत होने को है. एडमिशन प्रॉसेस लगभग कंपलीट हो चुके हैं. नए सेशन में हजारों स्टूडेंट्स की भीड़ यूनिवर्सिटी कैंपस में दिखाई देगी लेकिन स्टूडेंट्स को इस भीड़ में अपनी अलग पहचान बनानी हो तो उनके पास एक मौका है जिससे कि वह भीड़ में भी कुछ अलग नजर आएंगे. गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एडमिशन की शुरुआत के साथ ही नेशनल सर्विस स्कीम में एडमिशन स्टार्ट हो चुका है. इसमें यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाले हजारों स्टूडेंट्स में से सिर्फ 650 स्टूडेंट्स को अलग पहचान बनाने का मौका मिलेगा.

400 ब्वाएज और 250 गर्ल्स को मिलेगा मौका
यूनिवर्सिटी के बीए, बीएससी और बीकॉम को मिलाकर फर्स्ट इयर में लगभग 3000 से ज्यादा स्टूडेंट्स एडमिट होने हैं। लेकिन इन सभी को यूनिवर्सिटी की भीड़ में अलग पहचान बनाने का मौका नहीं मिलेगा। गोरखपुर यूनिवर्सिटी एनएसएस के कोऑर्डिनेटर डॉ। अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि हर साल सभी इकाइयों से अलग-अलग तादाद में स्टूडेंट्स का दो साल का टेन्योर पूरा होता है। इसमें किसी में ज्यादा तो किसी में कम स्टूडेंट्स अपना कोर्स कंपलीट करते हैं। ऐसे में लगभग 50 परसेंट सीटें खाली होती है। यूनिवर्सिटी में एनएसएस की 1300 सीटें हैं। इसलिए टोटल खाली सीट्स की तादाद लगभग 650 होगी। इसमें ब्वाएज की टोटल सीट 900 और गर्ल्स की 400 हैं, इसलिए वैकेंट सीट्स की तादाद ब्वाएज कैटेगरी में 450 और गर्ल्स कैटेगरी में 200 होगी।
फायदा ही फायदा
एनएसएस में पार्ट लेने वाले स्टूडेंट्स को इससे कई तरह के फायदे हैं। एनएसएस के थ्रू स्टूडेंट्स को कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर ऑर्गेनाइज होने वाली सोशल एक्टिविटी में पार्टिसिपेशन का मौका तो मिलता ही है साथ ही वह एक्साइटिंग टूर, एडवेंचरस कैंप के साथ कई स्पेशल एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करते हैं। सिर्फ यही नहीं एनएसएस का सर्टिफिकेट पेश करने पर स्टूडेंट्स को एडमिशन के टाइम में 5 से 15 नंबर तक का वेटेज भी मिलता है।
एक्टिव वालेंटियर्स को मिलेगा फायदा
एनएसएस के यूं तो बहुत ही फायदे हैं, लेकिन यह फायदा सभी एनएसएस वालेंटियर्स को नहीं मिलेगा। चौंकिए नहीं, अगर आप एनएसएस प्रोग्राम में एक्टिवली पार्टिसिपेट करेंगे तो इसका फायदा आपको जरूर मिलेगा। डॉ। शुक्ला ने बताया कि एनएसएस रेग्युलर कैंप ऑर्गेनाइज करता है। इसमें स्टूडेंट्स की एक्टिवनेस देखी और परखी जाएगी, इसके बाद ही उन्हें सर्टिफिकेट इशु किया जाएगा। ऐसा देखा गया है कि लोग एनएसएस ले तो लेते हैं, लेकिन इसमें एक्टिवली पार्टिसिपेट नहीं करते हैं और जब सर्टिफिकेट लेने का मौका आता है तो वहां पर पहुंच जाते हैं। ऐसे लोगों को इस बार झटका लग सकता है।
तो निखरेगी पर्सनैलिटी
एनएसएस स्टूडेंट्स से सिर्फ मेहनत नहीं करवाता बल्कि डॉ। अजय शुक्ला की माने तो एनएसएस के थ्रू स्टूडेंट्स की पर्सनालिटी डेवलपमेंट में काफी मदद मिलती है। दो साल बाद जब वालेंटियर्स सर्टिफिकेट हासिल कर लेते हैं तो उनकी पहचान आम स्टूडेंट्स के मुकाबले अलग हो जाती है। साथ ही सोशल प्रोग्राम्स में पार्टिसिपेट करने से इनका सोशल रुतबा भी बढ़ता है।
डीडीयू के पास हैं 33000 वालेंटियर्स
डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ। अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि डीडीयू और उससे एफिलिएटेड कॉलेजेज में कुल मिलाकर 33000 एनएसएस वालेंटियर्स हैं। इनमें से डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के 1300 वालेंटियर्स है। एनएसएस की यूनिवर्सिटी में 13 यूनिट हैं और हर यूनिट में वालेंटियर्स की तादाद 100 है। इसमें 4 गर्ल्स और 9 ब्वाएज की यूनिट शामिल हैं।
NSS unit in DDU
- रानी लक्ष्मी बाई
- निवेदिता
- प्रियदर्शनी
- चेतना
- बुद्धा
- टैगोर
- गोरक्ष
- शिवम
- गांधी
- विवेकानंद
- कबीर
- शास्त्री
- बोस
Some special activity
- ब्लड डोनेशन
- एन्वायरमेंट फ्रेंडली इशु
- हेल्प कैंपेन
- श्रमदान
- मोटीवेशनल कैंप
- अवेयरनेस कैंप
- एडवेंचरस कैंप

 

report by : syedsaim.rauf@inext.co.in

Posted By: Inextlive