- बीआरडी मेडिकल कॉलेज का मामला

- इंसेफेलाइटिस वार्ड में दूसरे मरीजों को भर्ती करने पर आपत्ति जता रहे थे सीएमओ

GORAKHPUR: बीआरडी के इंसेफेलाइटिस वार्ड का निरीक्षण करने पहुंचे सीएमओ डॉ। रविंद्र कुमार और बालरोग विभाग के शिक्षकों के बीच शुक्रवार को बहस हो गई। सीएमओ ने तीन दिन पहले इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती दूसरी बीमारी के मरीजों को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने बीआरडी के एसआईसी को पत्र भी लिखा था। इसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश था। शिक्षकों ने सीएमओ से कहा कि दूसरी बीमारी के गंभीर बच्चों को वह कैसे वार्ड से बाहर कर सकते हैं। उनका कहना था कि सरकार सीमित संसाधन दे रही है। दूसरी बीमारी के मरीजों के लिए वेंटिलेटर भी नहीं है।

इंसेफेलाइटिस पर ध्यान की जरुरत

उधर सीएमओ ने इंसेफेलाइटिस वार्ड में दूसरी बीमारी के मरीजों को भर्ती करने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने एनएचएम के जरिए 100 बेड का इंसेफेलाइटिस वार्ड बनवाया। 75 वेंटिलेटर भी दिए। डॉक्टर से लेकर दवा तक का खर्च सरकार सिर्फ इंसेफेलाइटिस मरीजों के लिए ही उठा रही है। ऐसे में इंसेफेलाइटिस पीडि़तों को बेहतर इलाज मिलना ही चाहिए। हालांकि बालरोग विभाग के डॉक्टर्स के दबाव पर सीएमओ ने 18 वेंटिलेटर के वार्ड के एक हिस्से में दूसरी बीमारी के मरीजों को भर्ती करने की मंजूरी दे दी। इस मामले को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी ओएन सिंह ने भी प्राचार्य डॉ। राजीव मिश्र से बात की थी।

Posted By: Inextlive