सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की हर गाइडलाइन को क्रियान्वित करने के लिए नगर निगम एक्शन मोड में आ गया है. निगम प्रशासन ने फैसला किया है कि शहर के बड़े कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों से कूड़ा कलेक्ट नहीं किया जाएगा. इन्हें खुद ही अपने परिसर में संसाधन लगाकर खुद ही गीले कचरे का निस्तारण करेंगे.


गोरखपुर (ब्यूरो)। कूड़ा कलेक्शन और उसके डिस्पोज की व्यवस्था भी संस्थानों को ही करनी होगी। इतना ही नहीं अगर कोई कॉमर्शियल प्रतिष्ठान इस नियम को फॉलो नहीं करेगा तो उस पर कार्रवाई भी होगी।सील भी किया जा सकता है प्रतिष्ठाननगर निगम की ओर से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट हैंडलिंग रूल्स 2016 के तहत जारी गाइडलाइन में यह कहा गया है कि अगर कोई कॉमर्शियल प्रतिष्ठान कूड़ा निस्तारण की प्रॉपर व्यवस्था नहीं करता है तो उस पर जुर्माना किया जाएगा, अगर इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो उसके प्रतिष्ठान को सील तक किया जा सकता है। यह कार्रवाई निगम की ओर से की जाएगी। बल्क जेनरेटर्स होते हैं यह प्रतिष्ठानजिन कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों से डेली 100 किलो से अधिक कूड़ा जनरेट होता है, उन्हें बल्क जेनरेटर्स कहा जाता है। निगम के अफसरों की मानें तो गाइडलाइन में साफ है कि इन कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों


को अपने यहां कूड़ा कलेक्शन और उसके निस्तारण की व्यवस्था खुद करनी होगी। निगम ऐसे कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों से कूड़ा कलेक्ट नहीं करेगा। जारी हो चुका है नोटिस

नगर निगम की ओर से शहर में करीब 05 से अधिक बल्क जेनरेटर्स चिन्हित किए गए हैं। जिन्हें स्वच्छ मिशन के तहत खुद कूड़ा निस्तारण की नोटिस भी दी जा चुकी है। इसके बाद भी किसी भी शहर के होटल, रेस्टोरेंट और बैंक्वेट हॉल से बल्क में कचरा निकलता है तो उसके निस्तारण की जिम्मेदारी उनकी खुद की है। वह गीले कचरे का कंपोस्ट खुद कराएं। नगर निगम सूखे कूड़े का निस्तारण

प्रतिष्ठान ने कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं की है। ये होंगे शामिल होटलरेस्टोरेंट बैंक्वेट हॉलमैरेज हॉल बड़े कॉमर्शियल प्रतिष्ठान व्यवस्था होने तक सिर्फ वेट वेस्ट कलेक्शननगर निगम की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जब तक कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों की ओर से कूड़ा कलेक्शन और उसके निस्तारण की प्रॉपर व्यवस्था नहीं होती है तब तक निगम की ओर से सिर्फ वेट कूड़ा कलेक्ट किया जाएगा। वेट कूड़े में पॉलीथिन, प्लास्टिक, कांच की शीशी इत्यादि कंपोनेट्स शामिल होते हैं। जबकि ड्राई कूड़े में ऐसी चीजें शामिल होती है, जिनकी मदद से खाद बनती है। निगम प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बड़े कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों की तरह ही अस्पतालों को भी मेडिकल वेस्ट के संग्रहण और उसके निस्तारण की व्यवस्था खुद करनी होगी। इसके लिए अस्पताल संचालकों को भी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। हाईलाइट्स - बड़े होटल होटल, रेस्टोरेंट-15बैंक्वेट हॉल-15मैरेज हॉल-25 बल्क में डेली निकलता है कचरा-100-150 टीपीटी -सिटी से प्रतिदिन निकलता है कचरा-379 टीपीटी
कराएगी। बशर्ते उन्हें नगर निगम से एग्रीमेंट कराना होगा। इसके बदले उन्हें यूजर चार्ज देना होगा। - डॉ। मणि भूषण तिवारी, सहायक नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive