अपना घर हो ये हर किसी का सपना होता है. गोरखपुर शहर के असुरन इलाके में भी 25 साल पहले पैसा एकत्रित कर आवास विकास कॉलोनी में घर खरीदकर एक दर्जन परिवारों ने अपना सपना पूरा किया था. लेकिन वो पूरा हुआ सपना अब भी अधूरा सा लग रहा है. यहां घर खरीदने वाले लोगों को आवास-विकास ने जो घर अलॉट किया है उस घर का रास्ता नक्शे में तो है लेकिन हकीकत में वह किसी को ढूंढे नहीं मिल रहा है. लोगों की मानें तो नक्शे में दिए रास्ते पर बड़े-बड़े घर का निर्माण हो गया है. इसकी वजह से 25 साल से आवास-विकास कॉलोनी के 12 परिवार एक घर के ड्राइंग रूम से होकर बाहर निकलने को मजबूर हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो).असुरन स्थित आवास-विकास कॉलोनी में रहने वाले 12 परिवार के करीब 80 लोग के पास अपना मकान तो है, लेकिन वह रास्ते के लिए पिछले 25 साल से भटक रहे हैं। आवास-विकास कॉलोनी में ही रहने वाले पीएन सिंह बताते हैं कि मेरा घर सबसे लास्ट में है, जबकि अन्य लोगों का घर मेरे बाद है। सभी लोगों ने आवास-विकास से मकान खरीदा था। जिसकी किश्त भी पूरी जमा कर दी। उन्होंने बताया कि जब घर अलॉट हुआ था तब उसके बगल से ही 6 मीटर चौड़ा रास्ता भी दिया गया था। जिसपर बड़े-बड़े मकान का निर्माण कर लिया गया। उन्होंने बताया कि यहां के लोग मेरे घर के रास्ते ही बाहर निकलते हैं। अगर मैंने उसे बंद कर दिया तो लोग घर में ही कैद हो जाएंगे। शादी, विवाह में आती परेशानी
आवास विकास-कॉलोनी में रहने वाले वीके सिंह, पारसनाथ सिंह, गौरव गुप्ता, गिरिजेश पटेल, क्षितिज प्रसाद, ओम प्रकाश सिंह, बबलू वर्मा, कौशल किशोर सिंह समेत अन्य लोगों ने अपनी परेशानी का बयां किया। इन लोगों को कहना है कि घर रहने का क्या फायदा जब रास्ता ही नहीं है। इसकी वजह से घर पर शादी, विवाह में भी दिक्कतें आती हैं। क्या कहते हैं पार्षद?


इस बारे में शाहपुर के पार्षद चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि यह मामला काफी पुराना है। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने आवास-विकास को इस दिक्कत से अवगत कराते हुए लेटर भी लिखा गया है, लेकिन आज तक आवास विकास केवल आश्वासन दिया, लेकिन रास्ता नहीं दे पाया। उन्होंने बताया कि वहां रहने वाले पीएन सिंह से बात कर वहां के लोगों को टेम्पोरोरी रास्ता उनके घर दिया गया है। इससे प्रॉब्लम नहीं खत्म होने वाली। जो भी जिम्मेदार विभाग हैं, उन्हें इस विषय को गंभीरता से लेकर इसका निपटारा करना ही चाहिए। हम लोगों ने कई बार कम्प्लेन की लेकिन कोई इसे गंभीरता से लेता ही नहीं है। इस वजह से 25 साल से बिना रास्ते के हम लोग भटक रहे हैं। वीके सिंह, निवासीइस मामले में आवास-विकास को लेटर लिखा गया है। अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। आश्वासन कई बार विभाग ने दिया है।चन्द्रशेखर सिंह, पार्षद

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