कुत्ते बिल्ली गाय पालने का शौक तो अधिकतर लोगों में होता है पर कुछ ऐसे भी होते हैं जो बर्ड लवर्स भी होते हैं. उन्हें बड्र्स से बेहद लगाव होता है. अलग-अलग तरह के बड्र्स को पालना उनको अच्छा लगता है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।आज नेशनल बर्ड डे पर हम आपको बता रहे हैं कि गोरखपुर में इन दिनों लोगों में बड्र्स को पालने का चलन बढ़ा है। गोरखपुराइट्स में आस्ट्रेलियन पैरेट की डिमांड ज्यादा है। महंगे मिलने वाले कॉकटेल पक्षी को भी गोरखपुराइट्स प्रिफर कर रहे हैं। गोरखपुर में पक्षियों की ये प्रजातिफॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है, गोरखपुर में पनडुब्बी, अंजन बगुला, सुर्खिया बगुला, हंस, नीलसर, लालसर, काला तीतर, भूरा तीतर, जंगली बटेर, मोर, सारस, टिटिहरि, नीलकंठ, कोयल, हीरामन तोता, दुदई तोता, कठफोड़वा, अबाबील, भूरी मैंना, बामनी मैंना, जंगली कौआ, बुलबुल, गौरेया प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं। गोरखपुराइट्स में क्रेज


शहर के लोगों में पक्षियों को पालने का क्रेज भी धीरे धीरे बढ़ रहा है। पक्षी विक्रेता मुन्ना ने बताया, उनके पास से लोग ज्यादातर ऑस्ट्रेलियन पैरेट, अफ्रीकन लव बर्ड, जावा, फिंच, डायमंड डव और कॉकटेल खरीद कर ले जाते हैं। कोई घर पर पालने के लिए तो कोई इसका बिजनेस करने के लिए खरीदता है।गोरखपुर में 426 सारसगोरखपुर डीएफओ विकास यादव ने बताया, साल में दो बार एक बार ग्रीष्मकाल और एक बार शीतकाल में सारस की गणना कराई जाती है। दिसम्बर महीने की गणना में सारस की कुल संख्या 426 पाई गई है।इसलिए मनाते हैं नेशनल बर्ड डे

हर साल 5 जनवरी को नेशनल बर्ड डे सेलिब्रेट किया जाता है। यह तिथि विशेष रूप से इसलिए चुनी गई, क्योंकि वार्षिक 'क्रिसमस बर्ड काउंटÓ भी 5 जनवरी को होता है। कई पक्षी जलवायु परिवर्तन, आवास की हानि, वनों की कटाई और अन्य जीवन विनाशकारी कारकों से खतरे में हैं। नेशनल बर्ड डे पर पक्षियों की हो रही हानि के बारे में बात की जाती है और इनके संरक्षण और बचाव के प्रति पब्लिक को अवेयर किया जाता है।

Posted By: Inextlive