फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण आज फाइनेंशियल ईयर 2023-24 का बजट पेश करेंगी. इसकी तैयारी एक महीने पहले से चल रही थी. पहले सरकार ने पब्लिक के सुझाव मांगे. इस बजट में सरकार टैक्स स्लैब घटा सकती है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इसलिए सिटी के बिजनेसमैन, सीए, डॉक्टर, युवा और प्रोफेशन को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। किसी को रोजगार, किसी को मेडिकल में सुधार तो किसी को बजट में महंगाई से राहत मिलने की उमीद है। वहीं, मंगलवार को बजट सत्र के दौरान इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया। सर्वे में फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के 6.5 परसेंट होने का अनुमान लगाया है। यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी। वहीं, नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 11 परसेंट लगाया गया है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए रियल जीडीपी अनुमान 7 परसेंट है।महंगाई कम करे सरकार


घरेलू गैस सिलेंडर और किचन के सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं। सरकार को बजट में महिलाओं के बारे में सोचते हुए इनके दामों पर नियंत्रण करना चाहिए। महिला सुरक्षा और महिला शिक्षा पर खास ध्यान देने की जरूरत है। महिलाओं को टैक्स में विशेष छूट मिले। - व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना हो।

बजट में व्यापारियों संगठनों द्वारा मांग- जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा की जाए।- आयकर की कर दरों में कमी करने की घोषणा।- रिटेल व्यापार पर लागू सभी कानूनों और नियमों की पूर्ण समीक्षा।- एक राष्ट्र-एक कर की बात पर एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति बने।

- व्यापारियों के लिए बीमा योजना हो। - छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मापदंड हो। - बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को आसानी से कर्ज देना।- नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनीज एवं माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशन्स द्वारा व्यापारियों को कर्ज दिलाने के लिए सक्षम बनाना ।- व्यापारियों में आपसी भुगतान तथा आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक बाउंस जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन।- स्पेशल इकोनॉमिक जोन की तर्ज पर गांवों के निकट स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की घोषणा।- आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन।- व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा- उपभोक्ता कानून के अंतर्गत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करना।- ई-कॉमर्स नीति की तुरंत घोषणा। ई-कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटरी। अथॉरिटी के गठन की घोषणा।- रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा।- केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की घोषणाा

Posted By: Inextlive