टफ सिचुएशन, नो टेंशन
- सीबीएसई ने आईआईएम अहमदाबाद के साथ मिलकर प्रिंसिपल के लिए तैयार किया स्ट्रैटजिक लीडरशिप प्रोग्राम
- टफ टाइम में राइट डिसीजन लेने के लिए बनाया जाएगा काबिलGORAKHPUR: स्कूलों में कभी अचानक से ऐसी प्रॉब्लम्स आ जाती हैं कि प्रिंसिपल का दिमाग भी घनचक्कर हो जाता है। ऐसी सिचुएशन में फिर भगवान ही मालिक हैं। ऐसी टफ सिचुएशन से निकलने के लिए अब सीबीएसई ने एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसिपल्स को स्ट्रैटजिक मैनेजमेंट में ट्रेंड करने के लिए इनीशिएटिव लिया गया है। सीबीएसई आईआईएम के साथ मिलकर स्ट्रैटेजिक लीडरशिप फॉर स्कूल्स इन चेंजिंग एनवायरमेंट प्रोग्राम लेकर आया है। इसमें प्रिंसिपल्स को आईआईएम अहमदाबाद के एक्सपर्ट्स बेहतर टीचिंग के साथ ही स्कूल मैनेजमेंट के गुर भी सिखाएंगे। इसमें शामिल होने के लिए सीबीएसई स्कूलों से उनके प्रिंसिपल द्वारा आवेदन मांगे गए हैं। सीबीएसई के डायरेक्टर ट्रेनिंग और एसई की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं।
अक्टूबर से चलेगी क्लाससीबीएसई की ओर से आईआईएम अहमदाबाद के सहयोग से आयोजित हो रही वर्कशॉप क्ब् अक्टूबर से क्8 अक्टूबर तक चलेंगी। इस दौरान स्कूल प्रिंसिपल्स को डिफरेंट ट्रेनिंग दी जाएगी। क्लास के दौरान प्रिंसिपल्स को मल्टीपल रोल्स और रिस्पॉन्सिबिलिटी को मैनेज करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे प्रिंसिपल्स सभी प्रकार की जिम्मेदारियों को उठाते हुए स्कूल में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने में सफल हो सकेंगे। वहीं, इस ट्रेनिंग के बाद प्रिंसिपल्स स्कूल मैनेज करने में आने वाली सभी जिम्मेदारियां उठा सकेंगे।
जेब हो जाएगी ढीली हालांकि वर्कशॉप में शामिल होने के लिए जो फीस तय की गई है, वह काफी ज्यादा है। क्ब् से क्8 अक्टूबर तक चलने वाली इस वर्कशॉप में शामिल होने के लिए पर कैंडिडेट 80 हजार रुपए की फीस डिसाइड की गई है। इस फीस पर क्8 फीसदी जीएसटी भी लगाई जाएगी। जीएसटी कैलकुलेट करने के बाद यह अमाउंट और बढ़ जाएगा। इस पर रहेगा फोकस - स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट - डिसीजन मेकिंग - एलीमेंट ऑफ विजनरी लीडरशिप - इंट्रोड्यूसिंग एंड मैनेजिंग चेंज एट इंस्टीट्यूशन लेवल - काउंसिलिंग फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस एंड हैप्पीनेस - इश्यू इन टीचर्स डेवलेपमेंट - मैनेजिंग इनोवेशन इन स्कूल - राइट टू एजुकेशन एंड इट्स इम्लीमेंटेशन वर्जन सीबीएसई की ओर से अच्छी पहल की गई है। लेकिन इसकी फीस काफी अधिक है। किसी भी प्रिंसिपल के लिए इसे अफोर्ड कर पाना इतना आसान नहीं है। - अजय शाही, प्रिंसिपल, आरपीएम एकेडमीस्कूलों में कभी-कभी इस तरह की प्रॉब्लम आती है जब डिसिजन लेना मुश्किल होता है। इस तरह के लर्निग प्रोग्राम से निश्चित तौर पर काफी फायदा मिलेगा। हालांकि फीस काफी अधिक है।
विशाल त्रिपाठी, प्रिंसिपल, आर्मी पब्लिक स्कूल