Gorakhpur : फर्जी एफडीआर लगाकर जीएमसी को चूना लगाने वाले ठेकेदारों की पोल खुलने की चर्चा थम नहीं रही. मामले में नाम सामने आने के बाद कुछ ठेकेदारों ने जीएमसी जाना छोड़ दिया है. फर्जीवाड़ा सामने आने पर वे मुंह छिपाने लगे हैं. जीएमसी ने उनको ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. अन्य विभागों में भी ऐसे ठेकेदारों की गोपनीय जांच पड़ताल शुरू करा दी गई है.


49 से अधिक कामों को लगा ब्रेक जीएमसी में 32 से अधिक ठेकेदारों के फर्जीवाड़े में पाए जाने के बाद डेवलपमेंट के कामों को ब्रेक लग गया है। इनमें ऐसे भी ठेकेदार हैं जो एक साथ कई काम करा रहे थे। अभी तक यह पता लगा है कि नाली और सड़क कंस्ट्रक्शन के 49 से अधिक ऐसे काम हैं जो पेडिंग पड़े हैं। उनको छोड़कर ठेकेदार फरार हो गए हैं। इससे सिटी के डेवलपमेंट पर असर पहुंचा है। 23 फर्म और ठेकेदारों पर दर्ज हो चुका है मुकदमा
दशहरा और बकरीद की छुट्टियां होने से एफडीआर के मामले में आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी। जीएमसी अफसरों का कहना है कि मामले में कार्रवाई और जांच जारी रहेगी। कर्मचारियों ने बताया कि 23 फर्मों और उनके ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज कराया जा चुका है। अन्य के खिलाफ कार्रवाई की प्रोसेस चल रही है। इस वजह से विवादित ठेकेदारों ने जीएमसी आना जाना छोड़ दिया है। कई लोग तो लखनऊ के चक्कर लगाकर मामला दबाने के प्रयास में लगे हैं। सभी कामों को पूरा कराया जाएगा। ठेकेदारों ने अनुबंध किया है, इसलिए वे वर्क छोड़कर नहीं भाग सकते हैं। गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी पाई जाने पर अलग से कार्रवाई की जाएगी। जितेंद्र केन, चीफ इंजीनियर, जीएमसी

Posted By: Inextlive