कोरोना संक्रमण के कमजोर पड़ते ही हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से की जा रही कोविड टेस्टिंग की रफ्तार भी स्लो हो गई है. डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके लिए उच्च अधिकारियों को फटकार लगाई है. दरअसल मार्च की शुरुआत के साथ ही जिले में संक्रमण की रफ्तार नियंत्रित हुई है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। रोजाना मिल रहे संक्रमितों की संख्या में गिरावट हो रही है। संक्रमण में नियंत्रण के साथ ही हेल्थ डिपार्टमेंट के डॉक्टर व कर्मचारी लापरवाह होने लगे हैं। जिले में कोरोना जांच का ग्राफ लगातार गिर रहा है। इस महीने 18 से 20 मार्च के बीच लक्ष्य के मुकाबले 8 फीसदी सैम्पल की ही जिले में जांच हो सकी। 5500 है डेली टारगेट


इस लापरवाही को लेकर शासन संजीदा हो गया है। शासन की सख्ती के बाद मानक के मुताबिक जांच शुरू हुई तो फिर इक्का-दुक्का संक्रमित मिलने लगे हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के महानिदेशक ने सीएमओ को भेजे पत्र में कहा है कि गोरखपुर में रोजाना 5500 जांच करने का लक्ष्य है। इसमें आरटीपीसीआर के जरिए 2000 और एंटीजन के जरिए 3500 जांच शामिल हैं। जबकि 18 से 20 मार्च के बीच तीन दिन में औसतन 493 सैंपल की जांच हुई। इसमें आरटीपीसीआर के जरिए 129 और एंटीजन जांच के लिए 364 लोगों के सैम्पल लिए गए। यह लक्ष्य के सापेक्ष महज 8.46 परसेंट ही है।टेस्टिंग में महराजगंज फिसड्डीजिला ----- सैंपलिंग (परसेंट में)कुशीनगर 58.5 देवरिया 9.48 गोरखपुर 8 संतकबीर नगर 8 सिद्धार्थनगर 4.77 बस्ती 4.47 महराजगंज 0.86 (नोट: सैंपलिंग के आंकड़े 18 से 20 मार्च तक के हैं.) वर्जन

कोरोना जांच के लिए निर्धारित लक्ष्य तक जांच की जा रही है। बीच में कुछ दिन जांच नहीं हुई, लेकिन इसकी जांच के बाद जांच फिर से शुरू हो गई है। डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर

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