कोरोना के कारण दिमाग में केमिकल लोचा हो रहा है. इससे याददाश्त कमजोर हो रही है. लोगों में भूलने की बीमारी बढ़ रही है. यंगस्टर्स डिमेंशिया के शिकार हो रहे हैं. अधेड़ व बुजुर्गों में भी अल्जाइमर के संकेत मिल रहे हैं. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में इसके मरीज पहुंच रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. आमिल हयात खान ने बताया कि कोविड के कारण दिमाग की तंत्रिकाओं पर असर पड़ा है. दिमाग में प्रोटीन और दूसरे रसायन का संतुलन बिगड़ा है. इस वजह से लोगों में यादाश्त कमजोर हुई है.


गोरखपुर (ब्यूरो).बीआरडी के पूर्व मनोचिकित्सक डॉ। अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि अल्जाइमर्स यानी भूलने की बीमारी। कोरोना का इसका असर दिख रहा है। कोरोना वायरस दिमाग की तंत्रिकाओं को डैमेज करता है। अल्जाइमर के मरीज को आइसोलेशन में रखना खतरनाक है। अकेलापन याददाश्त को और कमजोर करेगा।न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर है अल्जाइमर जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ। अमित शाही ने बताया कि यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट करता है। ऐसा होने पर सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। मरीज की निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है। स्वभाव में बदलाव आता है और याददाश्त घटती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह रोग भी बढ़ता है। रोगी को रोजमर्रा के कामों को भी करने में दिक्कतें होती हैं। अल्जाइमर्स उम्र के साथ बढऩे वाला रोग है।दिमाग को कंट्रोल करने वाली कोशिकाएं होती हैं क्षतिग्रस्त


बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व मनोचिकित्सक डॉ। प्रभात अग्रवाल ने कहा कि ब्रेन की ऐसी कोशिकाएं जो मेमोरी को कंट्रोल करती हैं, वे सूखने लगती हैं। जिसका असर गिरती याददाश्त के रूप में दिखता है और रिकवर करना नामुमकिन हो जाता है। डिमेंशिया का मतलब है मेमोरी लॉस। अल्जाइमर्स डिमेंशिया का एक प्रकार है। मोटापा से हो सकता है अल्जाइमर

डॉ। अमित शाही ने बताया कि शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना, मोटापा, डायबिटीज, सिर पर चोट लगना, सुनने की क्षमता का कमजोर होना, इस रोग की कुछ वजह हैं। यह रोग दिमाग में टाऊ टैंगल्स प्रोटीन के बनने से होता है। यह तंत्रिका कोशिकाओं को आपस में जोडऩे और उनके बीच होने वाली क्रियाओं में रुकावट पैदा करता है। जिससे व्यक्ति सही से संतुलन नहीं बना पाता।मस्तिष्क की कोशिकाएं हो जाती हैं नष्टन्यूरो सर्जन डॉ। मुकेश शुक्ला ने बताया कि अल्जाइमर रोग मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर उन्हें नष्ट कर देता है। यदि कोई व्यक्ति अल्जाइमर से पीडि़त है तो उसके ब्रेन की सेल्स गिरने लगते हैं। यह रोग अधिकांशत मधुमेह और अन्य गंभीर बीमारी से पीडि़त रोगियों को ही होता है। अल्जाइमर बीमारी के लक्षण मिलने पर तत्काल डॉक्टर्स से परामर्श लें।हेल्प लाइन नंबर पर करें संपर्क सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इन ओपीडी में सुबह 8 बजे से दो बजे तक बीमारी संबंधित सही परामर्श दिया जाता है और अल्जाइमर रोगी के केयर टेकर की काउंसिलिंग भी की जाती है। ऐसे लक्षण वाले मरीजों के परिजन हेल्पलाइन नंबर 9336929266 पर भी संपर्क कर सकते हैं। अल्जाइमर के लक्षण

- बार-बार एक ही बात और प्रश्न दोहराना।- बातचीत, अप्वॉइंटमेंट या इवेंट भूलना और बाद में याद न आना।- चीजों को खो देना और वापस ढूंढने में असमर्थ होना।- अपनी जगह को न पहचानना।- परिवार के सदस्यों और रोजमर्रा की वस्तुओं के नाम भूल जाना।- डिप्रेशन, उदासीनता व समाज से दूरी बनाना।- दूसरों पर शक करना, चिड़चिड़ापन और गुस्सा आना।- नींद की आदतों में बदलाव व भ्रम करना।बचाव के उपाय- प्रतिदिन कम से कम एक घंटा योगासन करें।- अधिक ऑयली खाद्य और पेय पदार्थों के सेवन से बचें।- नियमित रूप से निर्धारित मात्रा में बादाम व अखरोट खाएं।- ताजे फल और हरी सब्जियां आदि का सेवन करें।55 की उम्र वालों में संभावना अधिक

Posted By: Inextlive