कोविड का खौफ, निकल रहा टायफाइड
- जिला अस्पताल में आने वाले सर्दी, जुखाम, बुखार के मरीजों को कराया जाता है कोरोना की जांच, लेकिन निकलते हैं टायफाइड के मरीज
GORAKHPUR: सर्दी, जुखाम और बुखार की चपेट में इन दिनों बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक आ रहे हैं। कोविड-19 के सिम्प्टम्स होने पर लेाग जिला अस्पताल के ओपीडी में पहुंच रहें हैं। डॉक्टर भी ऐसे लक्षण वाले मरीजों को कोविड की जांच पहली प्राथमिकता में लिख रहे हैं, लेकिन जांच के दौरान ऐसे लक्षण वाले मरीजों के कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आ रही है। सीनियर फिजिशयन भी हैरान होते हुए फिर से मरीजों को टायफाइड जांच के लिए लिख रहे हैं। 25 अगस्त से एक सितंबर तक 293 जांच में टायफाइड के कुल 22 पॉजिटिव केस पाए गए हैं, जबकि कोरोना के 1475 जांच में एक भी पाजिटिव केस नहीं मिला है। डॉक्टर्स भी इसे सीजनली वायरल फीवर मानते हुए राहत की सांस ले रहे हैं। लेकिन टायफाइड को लेकर सजग रहने की सलाह दे रहे हैं।
टाईफाइड जांच में हुआ है इजाफाबता दें, इन दिनों घर-घर सर्दी, जुखाम, गले में चुभन और तेज बुखार से पीडि़त मरीज खुद को कोरोना का मरीज मानते हुए जांच के लिए पहुंच रहे हैं। कोई प्राइवेट हॉस्पिटल में जांच करा रहा है तो कोई जिला अस्पताल के ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए पहुंच रहा है। ऐसे में डॉक्टर भी कोरोना की जांच को पहली प्राथमिकता मानते हुए उन्हें कोरोना जांच लिख रहे हैं। सीनियर फिजिशियन डॉ। राजेश कुमार बताते हैं कि कोविड पॉजिटिविटी रेट न के बराबर है, लेकिन कोरोना के अलावा टाईफाइड जांच में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए उन्हें दवा के साथ सुझाव भी दिए जा रहे हैं।
गंदगी से फैलता है टाईफाइड सीनियर फिजिशियन डॉ। सुधांशु शंकर बताते हैं कि टाईफाइड होने के मुख्य कारण साल्मोनेला एंट्रिका सेरोटाइप टाईफई और साल्मोनेला पैराटाइफी नामक बैक्टीरिया होता है। यह संक्रमण गंदगी के संपर्क में आने से या फिर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है। अक्सर लोगों को लगता है कि टाईफाइड जैसी बड़ी बीमारी सिर्फ युवाओं और व्यस्कों को होती है। लेकिन ऐसा नहीं है बच्चों को भी तेजी के साथ पकड़ता है। इसलिए बचाव जरूरी है। कैसे होता है टाईफाइड?टाईफाइड गंदगी से फैलने वाली बीमारी है। इसका बैक्टीरिया दूषित या गंदे पानी व खाने के जरिए शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता है। इस बीमारी का बैक्टीरिया जल या सूखे मल में सप्ताह भर तक जिंदा रहता है, जिसके संपर्क में आते ही कोई भी संक्रमित हो सकता है।
टाईफाइड के लक्षण - मरीज को कमजोरी महसूस होना - संक्रमण बढ़ने से भूख का कम होना - सिर दर्द होना - बॉडी पेन होना - ठंड के साथ बुखार आना - सुस्ती व आलस होना - दस्त की समस्या भी हो सकती है - पाचन तंत्र का बिगड़ना - टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति का बुखार 102 से 104 डिग्री तक भी जा सकता है - अगर आप अपने में यह सभी लक्षण महसूस कर रहे हैं तो सबसे पहले कोरोना की जांच कराएं। - रिपोर्ट निगेटिव आने पर आप टाईफाइड की जांच कराएं और तुरंत इलाज शुरु करें। बरते सावधानियां - स्वच्छता का रखें ध्यान - गर्म पानी और साबुन से हाथ धोएं। - गर्म पानी पीयें - कच्ची चीजों का सेवन नहीं करें। फलों को छील कर खाएं। - खाने को पूरी तरह पकाकर खाएं, कच्चा खाना खाने से परहेज करें। - लोगों से दूरी बनाकर रखें ताकि संक्त्रमण फैलने का खतरा कम रहे। - खाना दूसरों के साथ शेयर नहीं करें। अकेले खाएं।- मक्खन, पेस्ट्री, घी, तले हुए आहार व मिठाईयां आदि खाने से बचें, कुल मिलकार बाजार की बनी चीजों को खाने से बचें
- भारी खाना मांस, मछली और मटन खाने से परहेज करें। - शराब, सिगरेट का सेवन नहीं करें। डेट्स कोविड सैंपल - पॉजिटिव - टायफाइड जांच - पॉजिटिव 1 सितंबर - 210 - 00 -59 - 00 31 अगस्त - 235 - 00 - 47 - 00 30 अगस्त - 182 - 00 - 39 - 01 29 अगस्त - 151 - 00 - - 32 - 02 28 अगस्त - 200 - 00 - 32 - 0427 अगस्त - 180 - 00 - 28 - 04
26 अगस्त - 127 - 00 - 26 -05 25 अगस्त - 190 - 00 - 25 - 06 कुल - 1475 - 00 - 293 - 22 नोट - कोविड सैंपल जांच में महज शुन्य कोविड पाजिटिव आए। जबकि टायफाइड जांच में 22 केस सामने आए। टाईफाइड जांच डेली हो रही है। अब तक कुल 293 जांच हुई हैं। इनमें 22 पॉजिटिव केस आए हैं। पहले की अपेक्षा केसेज बढ़ गए हैं। - डॉ। जेपी सिंह, पैथोलोजिस्ट, प्रभारी, जिला अस्पताल