ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार 145 लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए साइबर सेल ने 32 लाख 80 हजार 593 रुपए वापस कराए हैं. वर्ष 2021 में एटीएम कार्ड नंबर और ओटीपी पूछकर रुपए निकालने फेसबुक अकाउंट हैक करने फोन पे पेटीएम कैशबैक और रिवार्ड प्वाइंट के नाम पर लिंक भेजकर रुपए का ट्रांजेक्शन करने के मामले में कार्रवाई हुई है. एसएसपी ने बताया कि साइबर सेल की सक्रियता से पीडि़तों को राहत मिली है. साइबर क्राइम से बचने के लिए हमेशा अवेयर रहें. जागरूकता से इसे रोका जा सकता है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। साइबर ठगी के मामलों में रोजाना सामने आते हैं। किसी को लॉटरी तो किसी को इनाम, कभी ज्यादा पैसे देने सहित अन्य बहानों से शातिर लोगों के साथ ठगी करते हैं। लिंक भेजकर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से लेकर कस्टमर केयर नंबर पर फर्जी तरीके से रुपए की निकासी होने सहित अन्य तरह के केस सामने आने पर पुलिस छानबीन करती है। इसमें समय से हुई शिकायतों में पीडि़तों में रकम वापस होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे ही मामलों में कार्रवाई करते हुए साइबर सेल के पूर्व प्रभारी महेश चौबे, सीसीओ शशिकांज जायसवाल, सीसीओ शशिशंकर राय, कांस्टेबल दिव्या अग्निहोत्री, कांस्टेबल पंकज की टीम ने एक साल के भीतर 32,80,593 रुपए की वापसी कराई है। इससे 145 पीडि़तों को राहत मिली है। जागरूकता से रुकेगा साइबर क्राइम, रहें अलर्ट


साइबर सेल से जुड़े लोगों का कहना है कि साइबर फ्रॉड के अलग-अलग तरीके सामने आ रहे हैं। इससे बचाव का आसान तरीका यह है कि किसी लालच में ना पड़े। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने में सावधानी बरतें। जागरुकता और सतर्कता से साइबर फ्रॉड को रोका जा सकता है। किसी तरह की घटना होने पर टोल फ्री नं- 155260, डॉयल 112 पर तत्काल सूचना दें, जिससे पीडि़त की अविलंब मदद हो सके।

इस तरह के फ्रॉड के हुए शिकार - गलत लिंक को क्लिक करने पर अकाउंट से रुपए निकलने के मामले - पासवर्ड और ओटीपी पूछकर अकाउंट से सीधे ट्रांजेक्शन करने की शिकायत - किसी सामान की खरीदारी के लिए रुपए भेजने और लेने के मामले - इनाम और अधिक लाभ के चक्कर में पड़कर ट्रांजेक्शन करने के केस साइबर क्राइम से बचने को बरतें ये सावधानी - ऑनलाइन शापिंग और एटीएम के इस्तेमाल में रखें यह ध्यान - सिक्योर और अथेंटिक एप-वेबसाइट से खरीदारी करें। - अपने क्रेडिट/डेबिट कार्ड से संबंधित कोई भी जानकारी किसी से शेयर न करें। - किसी भी लाटरी/अवांछनीय लिंक पर क्लिक न करें। - कस्टमर केयर से संपर्क करने हेतु संबंधित के ओरिजनल साइट का इस्तेमाल करें। - एप पर विज्ञापन की सही जानकारी प्राप्त करें और बेचने वाले व्यक्ति की सही पहचान करते हुए ही खरीददारी करें। - ऐसे शातिर फोर्स के कर्मचारी बनकर आईडी वॉट्सअप पर भेजते हैं। कतई इनके बहकावे में ना आए। - मोबाइल फोन पर बैंक अधिकारी/किसी कंपनी के कस्टमरकेयर का अधिकारी बनकर बैंक से संबंधित कोई जानकारी(जैसे ओटीपी, कार्ड नं। ) मांगने पर न दें, बैक अधिकारी या कस्टमरकेयर अधिकारी कभी भी ओटीपी नही मांगते है।

- यूपीआई के माध्यम से रूपए भेजते और मंगाते समय सावधानी बरतें। - केवाईसी के नाम पर कभी भी एनीडेक्स, टीम व्यूअर, क्विक सपोर्ट जैसे एप डाउनलोड न करें, इस तरह के एप मोबाइल फोन/ कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस करके आपके यूपीआई पिन, पासवर्ड, बैंक अकाउंट डिटेल सहित अन्य जानकारी चुरा लेते हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स के प्रयोग में बरतें ये सावधानी 1. अपना यूजर आईडी और पासवर्ड किसी से शेयर न करें।2. अपना पासवर्ड स्ट्रॉग रखें। 3. अपनी निजी जानकारियां व फोटो पोस्ट करने में सावधानी बरते। 4. किसी भी अवांछनीय लिंक/मैसेज पर क्लिक करने से बचें। 5. अनजान व्यक्ति से फ्रेंडसिश न रखें। 6. वाट्सएप पर केवाईसी, लाटरी नाम पर कोई जानकारी न दें। 7. वाट्सएप / फोन पर आए क्यूआर कोड को कतई स्कैन न करें। इंटरनेट, मोबाइल फोन यूज करने पर रखें इसका ध्यान 1.स्मार्ट फोन में हमेशा स्क्रीन पासवर्ड और लॉक लगाकर रख्ेंा। 2.मोबाइल एक्सचेंज करते समय बेहद ही सावधान रहें। 3.किसी भी अवांछनीय लिंक या मैसेज पर क्लिक न करे ।4. कोई अनवांटेड एप डाउनलोड न करें। अवांछनीय एप्पस डाउनलोड न करे। 5. अपना बैंक एकाउंट, क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड नंबर, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड मोबाइल में सुरक्षित न रखें।
6.इंटरनेट बैकिंग, मोबाइल बैकिंग, सोशल नेटवर्किग साइट का प्रयोग करने के बाद अनिवार्य रूप से लॉगआउट करें। 7. साइबर कैफे पर इंटरनेट बैकिंग, मोबाइल बैकिंग, सोशल नेटवर्किग साइट का प्रयोग करने के बाद लॉग आउट करेंॅ। इस्तेमाल के दौरान गोपनीयता बनाए रखें। साइबर फ्रॉड के पीडि़तों की शिकायत पर साइबर सेल ने कार्रवाई की। एक साल के भीतर कुल 145 लोगों का पैसा वापस कराया गया। सावधानी बरतकर साइबर क्राइम से बचा जा सकता है। इस बात का ध्यान हर कोई रखे। डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी

Posted By: Inextlive