यूपी रोडवेज के इंप्लाइज अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर ट्यूजडे मिड नाइट से दो दिन के स्ट्राइक पर हैं. स्ट्राइक से सबसे अधिक परेशानी पैसेंजर्स को हुई. वे वेंस्डे को सिटी के दोनों डिपो पर भटकते रहे. सबसे ज्यादा प्रॉब्लम्स उन यात्रियों को हुई जिन्हें इमरजेंसी में लखनऊ रूट या फिर वाराणसी रूट पर जाना था. ऐसी कंडीशन में पैसेंजर्स को दोगुने रेट पर टैक्सी का सहारा लेना पड़ा. टैक्सी वालों ने भी इस स्ट्राइक का जमकर लाभ उठाते हुए तय कीमत से हजार रुपए से अधिक रुपए वसूले. बसों की हड़ताल के चलते लोगों को टैक्सियों का सहारा लेना पड़ा. लेकिन टैक्सियां भी खचाखच थीं.


क्या कहते हैं टैक्सी वाले स्टेशन रोड व जंक्शन के प्री-पेड बूथ पर वैसे तो 150 से उपर टैक्सी हैं, स्टेशन रोड से करीब 70-80 टैक्सी का संचालन होता है। जीआरपी प्री-पेड बूथ से भी 75 टैक्सी का संचालन होता है। जीआरपी-प्री-पेड बूथ से टैक्सी संचालक मनोज कुमार बताते हैं, डीजल के रेट बढ़ गए हैं, इसलिए किराया भी बढ़ गया है। उनके अनुसार यात्रियों से मनमाना किराया नहीं वसूल गया है। उनका कहना था कि प्रत्येक यात्री से 8 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज किया जाता है।  नहीं हो सकी ऑन लाइन टिकटों की कैंसिलेशन
सबसे ज्यादा परेशानी तो उन्हें हुई?जिन्होंने रोडवेज की वॉल्वो, शताब्दी और गोल्ड लाइन बसों में पहले से बुकिंग करा रखी थी। जब वे अपना टिकट कैैंसिल कराने पहुंचे तो काउंटर बंद मिला। इससे उन्हें मानसिक परेशानी तो हुई ही साथ उनकी जेब पर भी चूना लगा गया। मोहद्दीपुर के रहने वाले अनुपम त्रिपाठी बताते हैं कि उन्होंने वाल्वो बस में गोरखपुर-लखनऊ के लिए काउंटर से टिकट लिया था। लेकिन काउंटर बंद होने से उनके टिकट कैंसिल नहीं हो सके। उन्हें मजबूरन अपनी जर्नी कैंसिल करनी पड़ी।कहां से कहां तक   तय रेट        कितना वसूले गोरखपुर-सोनौली      1000      1500-1700 रुपए गोरखपुर- कुशीनगर   1000      1500-1700 रुपए गोरखपुर- तमकुही     1400      1500-1800 रुपए


गोरखपुर-आजमगढ़    1500      1800-2000 रुपए       परेशान दिखे एमएसटी होल्डर्स रोडवेज बसों के स्ट्राइक पर चले जाने से लंबी दूरी के सवारियों को जो मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उससे ज्यादा परेशानी उन्हें हुई जो एमएसटी होल्डर थे। इनमें ज्यादातर स्टूडेंट्स, टीचर्स व वकील और सर्विस क्लास के लोग थे। इंक्वायरी ऑफिस में बसों के बारे में जानकारी लेने आए विशाल कुमार एक घंटे तक कर्मचारी की तलाश करते रहे। उन्हें उम्मीद थी कि शायद उन्हें बसों के संचालन की जानकारी मिल जाए। लेकिन अंत में उन्हें निराशा हाथ लगी। मजबूरी में उन्होंने प्राइवेट बस से सफर करना बेहतर समझा। स्टूडेंट्स की तो लग गईसबसे ज्यादा परेशानी स्टूडेंट्स को हुई.  स्टूडेंट्स सुबह क्लासेज करने के लिए किसी तरह गोरखपुर तो आ गए, घर जाने के लिए?उन्हें काफी परेशानी हुई। कुछ स्टूडें्टस तो ऐसे थे जिनके पास काफी काम पैसे थे। इसी वजह से उन्हें काफी परेशानी हुई। अगर मालूम होता तोमुझे पडरौना जाना है। मार्निंग में तो किसी तरह प्राइवेट बस से यूनिवर्सिटी चला आया। लेकिन वापसी में जाने के लिए एक भी बस जाने को तैयार नहीं है। अगर पहले से पता होता तो आज यूनिवर्सिटी नहीं आया होता।शादाब खान

एमएसटी होल्डर हूं, घर से ज्यादा पैसे भी लेकर नहीं चला था। अब घर कैसे जाउं कुछ समझ में नहीं आ रहा है। अब तो फ्रेंड से कुछ रुपए लेकर प्राइवेट बस से घर जाउंगा। नीरज विश्वकर्मामुझे हाटा जाना है। रोडवेज बसे जो स्ट्राइक पर हैं ही, उधर प्राइवेट बस वाले दो गुना किराया मांग रहे हैं। इस कंडीशन में क्या करूं, कुछ समझ में नहीं आ रहा है।आदित्य प्रकाशखलीलाबाद जाना है। सुबह क्लास न छूटे इसके लिए जीप से चला आया था। लेकिन अब घर कैसे जाउं, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। प्राइवेट बस वाले हैं तो मनमानी किराया मांग रहे हैं।अनिशलेट रही ट्रेंस बिहार की तरफ से आने वाली कई ट्रेंस पर बंद का असर दिखा। बंद में प्रदर्शन के चलते बिहार में जगह जगह ट्रेन रोकी गई। इससे वे काफी लेट रही। इसके चलते मुसाफिरों को जंक्शन पर घंटों ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को बिहार में प्रदर्शनकारियों ने कुछ देर के लिए ट्रेन रोक दिया था। जिसके चलते यह गाड़ी करीब दो घंटे लेट रही। वैशाली सुपरफास्ट एक घंटे की देरी से आई।  ट्रेंस                            आने का टाइम    लेट12565 (बिहार संपर्क क्रांति )    15.40          2.00 घंटे
12553 (वैशाली एक्सप्रेस)        16.50          1.00 घंटे 12592 गोरखपुर एक्सप्रेस         15.10          1.30 घंटे 55119 पैसेंजर गाड़ी               14.30          1.00 घंटे

Posted By: Inextlive