GORAKHPUR : बस पैसेंजर्स को बेहतर सुविधा के लिए शुरू की गई 'साधारण बस ऑनलाइन सर्विसेज' फ्लॉप होती नजर आ रही है. स्थिति यह है कि गोरखपुर बस अड्डे पर इसके लिए खोले गए काउंटर्स से चार दिनों में महज एक हजार ही टिकट बन सके हैं. वहीं हेड क्वार्टर के आदेश को ताक पर रखकर आज भी रोडवेज कंडक्टर्स बस के अंदर टिकट बना रहे हैं लेकिन यूपीएसआरटीसी गोरखपुर रीजन के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं.


काउंटर्स से नहीं बनाए जा रहे टिकट अभी हाल ही में यूपीएसआरटीसी हेड क्वार्टर के आदेश पर गोरखपुर डिपो पर ऑनलाइन बस टिकट के लिए तीन काउंटर्स खोले गए हैं, लेकिन इन काउंटर्स से यात्रियों के टिकट बनाए जाने की बजाय बस अड्डे पर खड़ी बसों के भीतर टिकट बनाए जाएं रहे हैं। विभागीय कर्मचारियों की मानें तो यात्रियों के काउंटर पर न आने के चलते ऑन लाइन टिकट नहीं बन रहे हैं। वहीं जब यात्री काउंटर्स पर पहुंच रहे हैं तो उनके टिकट वहां नहीं बनाए जा रहे हैं। इस कारण चार दिन में इन काउंटर्स से महज एक हजार ही टिकट बन सके हैं। कंडक्टर्स को आदेश की नहीं है जानकारी


यात्रियों की सुविधा के लिए खोले गए काउंटर्स पर भीड़ नहीं होने की मेन वजह यह है कि स्टेशन प्रबंधन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। आज भी कंडक्टर्स बस के भीतर ईटीएम से टिकट बना रहे हैं, जबकि यूपीएसआरटीसी हेड क्वार्टर के जीएम ने काउंटर से टिकट बनाए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन गोरखपुर रीजन के अधिकारियों ने कंडक्टर्स को इस आदेश से अवगत ही नहीं कराया है, जिसके चलते यह समस्या आ रही है। बकाए रुपए में करते हैं खेल

यात्रियों की मानें तो अगर बस अड्डे से ही उन्हें टिकट मिल जाएंगे तो उन्हें काफी हद तक सहूलियत होगी। कम से कम टिकट के पीछे लिखे बकाए रुपए का नुकसान यात्री को नहीं उठाना पड़ेगा। कई बार होता यह है कि कंडक्टर्स टिकट के पीछे बकाए रुपए लिख देता है और यात्री उसे भूल जाता है। जब यात्री को याद आता है तो उसे पैसे वापस पाने के लिए बस अड्डे के चक्कर लगाने पड़ते हैं। नहीं लगेगा विभाग को चूना जीएम की मानें तो स्टेशन पर टिकट बनाए जाने से जहां यात्रियों को फायदा मिलेगा। वहीं बस के भीतर बिना टिकट यात्रा कराने वाले कंडक्टर्स विभाग को चूना नहीं लगा सकेंगे। ऐसे में विभाग का जो करोड़ों का नुकसान हर साल होता है, वह नहीं होगा। गोरखपुर रीजन को सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं कि काउंटर से टिकट बनाए जाए। ज्यादा से ज्यादा रेवन्यू काउंटर से चाहिए। इससे यात्रियों और विभाग दोनों का ही फायदा है। जे.एन सिन्हा, जीएम (संचालन) यूपीएसआरटीसी लखनऊ

Posted By: Inextlive