सिंगल यूज प्लास्टिक खास तौर पर पॉलीथिन के दुष्परिणाम सभी जानते हैं. एन्वायर्नमेंट के साथ यह हेल्थ के लिए घातक है. इसलिए नोटबंदी की तरह पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगना चाहिए. सरकार की ओर से लगाया गया प्रतिबंध तभी सार्थक होगा जब पब्लिक भी पूरी अवेयरनेस के साथ इस प्रतिबंध को स्वीकार करेगी. इसलिए संकल्प के साथ एक जुलाई से घर से झोले लेकर निकलें ताकि सरकारी प्रयासों को भी बल मिले. यह वक्तव्य दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के बैन ऑन सिंगल यूज प्लास्टिक सब्जेक्ट पर हुए वेबिनार में टीचर्स यूथ राइटर और सोशल एक्टिविस्ट ने दिए. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट गोरखपुर के एडिटोरियल हेड शिशिर मिश्र ने वेबिनार की रूपरेखा रखी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के सर्वे में सामने आ चुका है कि 93 परसेंट लोग पॉलीथिन के पक्ष में नहीं हैं। वेबिनार में शामिल पैनलिस्ट ने लोगों से सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल न करने की अपील की। साथ ही अधिकांश ने कहा, सरकार को इसके विकल्पों पर भी तेजी से काम करना चाहिए। यदि झोले और कागज के लिफाफों का चलन बढ़ता है तो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक भी विकल्प हो सकती है, क्योंकि एकदम बैन होने के बाद दिक्कत हो सकती है। प्लास्टिक के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं और लोग इसे यूज भी कर रहे हैं। इसलिए पहले लोग इसके दुष्परिणाम जान लें तो खुद इस्तेमाल करना छोड़ देंगे। झोले और कागज के लिफाफे बनने से लोगों को रोजगार मिलेगा। तनु शर्मा, सोशल एक्टिविस्ट


सरकार का यह कदम सराहनीय है। हमें अपना योगदान देना जरूरी है, ताकि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम किया जा सके। इससे हम पर्यावरण को भी सुरक्षित कर सकते हैं। 1 जुलाई से सभी लोग खरीदारी करते समय घर से झोला लेकर निकलें। इससे सब्जी व फल वालों को सामान देने में दिक्कत नहीं होगी और वे भी पॉलीथिन का उपयोग छोड़ देंगे। आरती प्रियदर्शिनी, राइटर

सिंगल यूज प्लास्टिक हानिकारक होती है। प्लास्टिक के दुष्परिणाम से बचने का आसान तरीका है कि हम लोग कैरी बैग को हमेशा साथ रखें और प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल से बचें। हमें दूसरों को भी मोटिवेट करना चाहिए। सरकार के कानून लाने से अब सिंगल यूज प्लास्टिक पर सही से रोक लग सकेगी। मैं स्कूल के बच्चों के जरिए उनके पेरेंट्स को झोला यूज करने के लिए प्रेरित करूंगी। - डॉ। शालिनी, प्रिंसिपल कम्पोजिट स्कूल सिक्टौर खोराबार सरकार के इस प्रयास के साथ ही हर एक किसी की जिम्मेदारी है कि वह स्वयं इसके उपयोग से बचे। साथ ही दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें, ताकि सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाली दुष्परिणामों से बचा जा सके। सरकार विकल्प भी दे, ताकि पब्लिक को परेशानी नहीं हो। सरकार का यह निर्णय जनता के हित में है ।नेहा जैन, हाउस वाइफ

सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक पर नोटबंदी की तरह प्रतिबंध लगाए, क्योंकि पहले भी इस तरह के निर्णय हुए हैं और उस पर अमल नहीं हुआ। पॉलीथिन पर पूर्ण रूप से बैन लग रहा है तो विकल्पों के लिए सरकार को अवेयरनेस करनी चाहिए। ताकि धीरे-धीरे इसके इस्तेमाल को कम किया जा सके। सिंगल यूज प्लास्टिक का जहर फैले। इससे पहले ही इसे रोक देना होगा। शिखा मिश्रा, टीचर बिहार गवर्नमेंट प्लास्टिक के बैन के साथ ही इसकी जगह उपयोग होने वाले जूट और कपड़ों के बैग को बढ़ावा देना जरूरी है। साथ ही इसके इस्तेमाल को लेकर पोस्टर कम्पटीशन, स्कूली बच्चों की जागरुकता रैली आदि निकालकर जागरूक किया जाए। स्कूलों और कॉलेजों में जागरुकता अभियान भी चलाया जाए, जिससे स्टूडेंट्स जागरूक हों और वे घर वालों को भी प्रेरित करें। अरुण यादव, स्टूडेंट डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive