Gorakhpur : सिनेमा का इतिहास से गोरखपुर सिटी का भी नाता है. बॉलीवुड के फलक पर गोरखपुर के सितारे भले ही धुंधले नजर आते हो लेकिन सिटी को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. भोजपुरी फिल्मों में आई क्रांति के पहले यहां पर हिंदी सिनेमा का इतिहास गुलजार रहा है. आसित सेन जैसे कामेडियन को देने वाले शहर में ओम प्रकाश संजय खान और सायराबानो जैसे आर्टिस्ट की फिल्म मेरा वचन गीता की कसम की शूटिंग हो चुकी है. सिटी के विनोद कुमार ने फिल्म बनाई थी. इसकी गवाही बाबू पुरुषोत्तम दास की कोठी देती हैं. देवरिया के मोती बीए ने अपनी राइटिंग से हिंदी सिनेमा में गोरखपुर का नाम रोशन किया है. बॉलीवुड के सुपर स्टार राजेश खन्ना भी यहां से जुड़े रहे.

आभा धूलिया से चर्चा में रही सिटी
सिटी के डायरेक्टर रतन सिन्हा बताते हैं कि 1975 में एक फिल्म आई तपस्या, इसमें यूनिवर्सिटी के एक प्रॉक्टर की बेटी आभा धूलिया ने एक्टिंग की, इस वजह से लोगों ने इस फिल्म को खूब देखा। इसके अलावा अनिल कपूर, उर्मिला मातोंडकर, राखी और परीक्षित साहनी का भी गोरखपुर से नाता रहा है। 1982-83 में गोरखनाथ बाबा तोहे खिचड़ी चढ़इबे बनी। तभी से इसको पूर्वांचल की पहली फिल्म माना जाता है। असुरन चौक के पास दूरदर्शन केंद्र था तब राजू श्रीवास्तव यहां पर स्ट्रगल कर रहे थे। 80-90 के दशक में राजू श्रीवास्तव को लेकर भी सिटी चर्चा में रही। जया बच्चन, जयाप्रदा, दलेर मेंहदी, सौरभ विश्वकर्मा, हेमंत मिश्रा सहित कई आर्टिस्ट का जुड़ाव सिटी से रहा है।
पहले सुपर स्टार के साथ बनाई फिल्म
सिटी के डाइरेक्टर, प्रोड्यूसर डा। विजाहत करीम ने बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना के साथ सोच फिल्म बनाई। जबकि रवीना टंडन, अरबाज खान, संजय कपूर, डैनी के साथ दो दिलों के खेल में बनाई। वफा को लेकर भी चर्चा रही। यहां के नेताओं ने भी हिंदी फिल्म बनाकर किस्मत आजमाने की कोशिश की। चर्चित वीरेंद्र प्रताप शाही ने करिश्मा किस्मत का बनाया तो पनियरा के विधायक जीएम सिंह भी गांव की ओर भी बना चुके हैं।
अंतर्द्वंद्व से लेकर 'सहर' तक का सफर
गोरखपुर के क्राइम पर हिंदी फिल्म सहर बनी जबकि नसीरुद्दीन शाह, अरशद वारसी और विद्या बालन की फिल्म इश्कियां में गोरखपुर का नाम रोशन हुआ। जॉली एलएलबी में गोरखपुर का नाम आया है। कई अन्य फिल्मों में भी गोरखपुर का नाम रोशन हो चुका है। सुशील राजपाल की अंतर्द्वंद्व में यहां के डा। रजनी कांत और डा। विजाहत करीम काम कर चुके हैं। इस फिल्म ने पुरस्कार भी जीते थे।
सिनेमा के इतिहास से गोरखपुर भी जुड़ा हुआ है। यहां के आर्टिस्ट बॉलीवुड से जुड़े हुए हैं। हिंदी सिनेमा से गोरखपुर का नाता रहा है लेकिन मुंबई के आगे इसकी चमक फीकी पड़ गई है।
रतन सिन्हा, डायरेक्टर
हिंदी सिनेमा में गोरखपुर की खास जगह है। टाइम-टाइम पर यहां के लोगों ने सिनेमा को मुकाम दिया है। बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना से जुड़ाव गौरव की बात है।
डा। विजाहत करीम, प्रोड्यूसर

 

report by : arun.kumar@inext.co.in

Posted By: Inextlive