विवेचना में लापरवाही और थानों में तत्काल एफआईआर नहीं लिखने की शिकायतें काफी दिनों से आ रही थीं जिसके बाद एडीजी जोन ने सख्त निर्देश जारी किया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि तहरीर के आधार पर तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए. किसी भी हाल में एनसीआर दर्ज कर मामले को पेंडिंग कर फरियादी को बार-बार दौड़ाया ना जाए. फरियादी की एफआईआर लिखकर उसे उसकी कॉपी भी तत्काल अवेलेबल कराई जाए. संतकबीर नगर और बहराइच को छोड़कर एडीजी ने पुलिस कर्मियों को चेतावनी देने के लिए जोन के सभी जिले के कप्तानों को निर्देशित किया है.


गोरखपुर (ब्यूरो).फरियादियों को थाने पर न्याय ना मिलने के कारण जनता दर्शन और अधिकारियों के दफ्तर में पीडि़तों की भीड़ लग जाती है। इसे लेकर सीएम ने भी सख्त आदेश दिए थे। इसके बाद से ही अधिकारी सभी थानों का पेंच कस रहे हैं। यही नहीं एसएसपी द्वारा एक लिस्ट भी तैयार की जा रही है कि किस थाने से अधिक शिकायतें दफ्तर में आ रही हैं। इसलिए पुलिस ऑफिस में पर्ची सिस्टम जारी कर दिया गया है, जिससे फरियादियों का रिकॉर्ड मौजूद रहे। नहीं चलेगा नाम बढ़ाने, घटाने का खेल


निर्देश के अनुसार अब किसी भी मुकदमे में धारा, नाम बढ़ाने और घटाने का खेल नहीं चलेगा। ये सारे काम सीओ, एसपी और एसएसपी के निर्देश पर ही होंगे। साथ ही शरीर संबंधी अपराध में अर्दली रूम में विवेचक और वादी साथ बैठकर चर्चा करेंगे। निरीक्षण के दौरान उच्चाधिकारी अर्दली रूम रजिस्टर और अपराध रजिस्टर अवश्य चेक करें।

आ रहीं ऐसी शिकायतें- पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती।- गलत एफआईआर हो रही है।- मुकदमों की विवेचना में लापरवाही हो रही है।- मनमाने ढंग से धाराएं घटाई या बढ़ाई जा रही हैं।- आरोपी का नाम हटाकर निर्दोष का नाम जोडऩा।- मेडिकल और बयान समय से नहीं कराए जा रहे हैं।

- विवेचनाओं को अनावश्यक रूप से लंबित रखा जा रहा है। - आरोप पत्र और अंतिम रिपोर्ट प्रेषित नहीं की जा रही है। लगातार कई थानों की शिकायतें आ रही हैं कि वहां पर फरियादियों की शिकायत सुनने में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे थानों को चेतावनी देने के लिए जोन के सभी कप्तान को निर्देशित किया गया है।अखिल कुमार, एडीजी जोन

Posted By: Inextlive