नगर निगम गोरखपुर कूड़ा गाडिय़ों पर रोजाना होने वाले खर्च को घटाने के लिए नई कवायद कर रहा है. दावा है कि इससे निगम की बचत तो होगी ही साथ में गाडिय़ों का मेंटेनेंस खर्च भी काफी कम हो जाएगा.


गोरखपुर (महेंद्र प्रताप सिंह)।यही नहीं पॉल्युशन काफी कम होने से पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा। इसके लिए नगर निगम अब कूड़ा गाडिय़ों में रेगुलर डीजल की बजाय एक्स्ट्रा ग्रीन ऑयल डलवाएगा। कंपनी के अफसरों ने उपनगर आयुक्त से मुलाकात कर एक्स्ट्रा ग्रीन के फायदे बताए तो उन्होंने प्रपोजल बनाकर भेजने को कहा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो नगर निगम कंपनी से करार करेगा। रेगुलर डीजल से महंगा है एक्स्ट्रा ग्रीन


रेगुलर डीजल से एक्स्ट्रा ग्रीन आयल करीब चार रुपए महंगा है। अभी नगर निगम गाडिय़ों में रेगुलर डीजल भरवा रहा है, जो 90 रुपए के करीब पड़ रहा है। एक्स्ट्रा ग्रीन के करार पर चार रुपए प्रति लीटर अधिक दाम चुकाने होंगे। हालांकि कंपनी का दावा है कि यह रेगुलर डीजल से अधिक माइलेज गाडिय़ों को मिलेगा। इससे दाम पर खास फर्क नहीं पड़ेगा और इसके इस्तेमाल से गाडिय़ों के इंजन जल्द खराब नहीं होंगे। मेंटेनेंस खर्च कम हो जाएगा। 249 गाडिय़ों पर रोजाना 2 लाख खर्च

नगर निगम के अनुसार 249 गाडिय़ां रोजाना शहर में कूड़ा एकत्र करने में लगी हैं। इसमें छोटी-बड़ी सब गाडिय़ां शामिल हैं। इसमें तय मानक के हिसाब से रोजाना आईओसी के पंप से डीजल भराया जाता है। सभी गाडिय़ों को मिलकर रोजाना निगम का डीजल पर करीब एक लाख 85 हजार रुपए खर्च आ रहा है। कहीं कोई गड़बड़ी न हो। इसके लिए अफसर मॉनिटरिंग करते हैं। क्या है एक्स्ट्रा ग्रीन इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड का दावा है कि एक्स्ट्रा ग्रीन डीजल, रेगुलर डीजल मुकाबले ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट और एनवायरमेंट फ्रेंडली है। इस डीजल के इस्तेमाल से गाड़ी ज्यादा माइलेज देगी। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा। गाडिय़ों का मेंटेनेंस खर्च भी कम हो जाएगा। यह कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है। इसके अलावा डीजल कार्बन मोनोऑक्साइड के उत्सर्जन को 5.29 फीसदी और एनओएक्स उत्सर्जन को 4.99 प्रतिशत कम करता है। नगर निगम के विशेष फंड से होता है भुगतान नगर निगम ने डीजल के भुगतान के लिए एक अलग से फंड बनाया है। इसमें 10 रुपए एक्स्ट्रा के रूप में रहते हैं। वर्ष 2021 में नगर निगम ने गाडिय़ों में ईंधन के लिए आईओसी से करार किया तो भुगतान के लिए यह व्यवस्था की थी। इस व्यवस्था में आईओसी की तरफ से बिल आने पर तत्काल भुगतान कर दिया जाता है। अब नई कवायद पर खर्च घटने का दावा किया जा रहा है। शुरुआत में होगा ट्रायल

उप नगर आयुक्त डॉ। संजय शुक्ला ने बताया कि करार से पहले एक्स्ट्रा ग्रीन ऑयल गाडिय़ों में भरवाकर ट्रायल किया जाएगा। एक महीने के ट्रॉयल में अगर बढिय़ा परफॉरमेंस रहा तो कंपनी से करार किया जाएगा। ये लगी हैं गाडिय़ां 21 डीसीएम 11 लोडर और जेसीबी 20 कॉम्पेक्टर 50 डोर टू डोर मैजिक (25 गाडिय़ां सीएनजी की हैं)5 हाइवा ट्रक 55 मैजिक 60 ट्रैक्टर-ट्रॉली ये है गाडिय़ों पर खपत मैजिक 4 से 6 लीटरहाइवा 24 लीटर ट्रैक्टर 8 से 10 लीटरकॉम्पेक्टर 14 लीटरडीसीएम 10 लीटर एक नजर में ईंधन खर्चदिसंबर 50 लाख के ऊपरनवंबर 51 लाख के ऊपर अक्टूबर 52 लाख के ऊपर अभी विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श चल रहा है। अफसर मामले में पूरी तरह से संतुष्ट होकर जब रिपोर्ट देंगे, तब इस पर विचार किया जाएगा। अभी कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है। -अविनाश सिंह, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive