परीक्षा परिणाम में देरी की समस्या के समाधान के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय संबद्ध कालेजों के खिलाफ सख्त होने जा रहा है. अगले सत्र में जिस कालेज ने आंतरिक मूल्यांकन व प्रायोगिक परीक्षा का अंक अपलोड करने में देरी की उससे विश्वविद्यालय 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना वसूल करने की योजना बना रहा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। विश्वविद्यालय की यह योजना 2022-23 के अनुभव के आधारित है, जिसमें कालेजों की लापरवाही की वजह से परिणाम घोषित करने में देरी हुई। अब जाकर विश्वविद्यालय सारे परिणाम जारी कर सका है। विश्वविद्यालय में सत्र 2023-24 सत्र के वार्षिक और सम सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं लेकिन सत्र 2022-23 का परिणाम अब जाकर घोषित हो सका है। मार्च की शुरुआत तक कुल 35 कालेजों ने सत्र 2022-23 की परीक्षा के आंतरिक, प्रायोगिक या मौखिकी परीक्षा का अंक वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया था। इस वजह से विश्वविद्यालय का परिणाम घोषित नहीं किया जा सका था। बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बाद भी वह अपने छात्रों के आंतरिक या प्रायोगिक परीक्षा के अंक अपलोड नहीं कर रहे थे। विश्वविद्यालय की कार्रवाई को लेकर चेतावनी के बाद भी 15 मार्च तक 12 कालेजों ने अपने परिणाम अपलोड नहीं किए। कुलपति ने बैठक कर जब इस समस्या के समाधान के खुद पहल की तब अंतिम 12 कालेजों ने अपने अंक अपलोड किए और परिणाम घोषित किया जा सका। इसे ध्यान में रखकर ही विश्वविद्यालय कालेजों की ए, बी और सी श्रेणी निर्धारित करा रहा है। परीक्षा के अंक अपलोड करने को लेकर सी श्रेणी के कालेजों पर विशेष नजर रहेगी। कार्रवाई की जद में भी वही कालेज रहेंगे।
कालेजों की लापरवाही के कारण सत्र 2022-23 के परीक्षा परिणामों में देरी हुई। भविष्य में इस तरह की लापरवाही को अक्षम्य मानते हए कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के क्रम में ही परिणाम के दोषी कालेजों पर जुर्माना लगाने की योजना बनाई जा रही है।प्रो। पूनम टंडन, वाइस चांसलर, गोरखपुर यूनिवर्सिटी

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