कबूतरबाज उड़े, शिकंजे में सहयोगी
- कुशीनगर हाइवे पर ऑफिस खोलकर की जालसाजी
- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में खबर छपने पर एक्शन I IMPACT GORAKHPUR: सोनबरसा के पास गोल्डेन लाइन कॉरपोरेशन का ऑफिस खोलकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। गुरुवार को पुलिस ने ऑफिस की कंप्यूटर ऑपरेटर माधुरी, प्यून अजय तिवारी और स्टाफ शिव बदन को अरेस्ट कर लिया। उनके सहारे पुलिस टीम दिल्ली के शातिरों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है। इस प्रकरण में चौरीचौरा थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मुकदमा लिखे जाने के बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी। एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता के निर्देश पर इंस्पेक्टर राजू सिंह एक्शन में आए। चार दिन तक एक्शन में नहीं आई पुलिसउनवल के रहने वाले विनय कुमार शर्मा सहित सैकड़ों लोगों ने आरोप लगाया था कि सोनबरसा में गोल्डेन लाइन कॉरपोरेशन का ऑफिस खुला था। कंपनी के लोगों ने विदेश में नौकरी दिलाने के लिए सभी से पासपोर्ट ले लिया। 90-90 हजार रुपए लेकर उनको फर्जी वीजा और एयर टिकट दिया। फ्लाइट पकड़ने के लिए लोग दिल्ली गए तो पता लगा कि उनको फर्जी वीजा दिया गया था। ठगी के शिकार युवक अपनी रकम लौटाने के लिए कंपनी के ऑफिस पर पहुंचते, इसके पहले 14 फरवरी को ताला लगाकर कंपनी के जिम्मेदार फरार हो गए। इस मामले में पीडि़तों की तहरीर पर रजनीश पाठक, कमल किशोर, सुमन, माधुरी, शुभम, अजय तिवारी सहित अन्य के खिलाफ अमानत में खयानत, जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया। 15 फरवरी को दर्ज एफआईआर में पुलिस ढिलाई कर रही थी। 19 फरवरी के अंक में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पुलिस की नाकामी पर खबर छापी। इसके बाद एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। हरकत में आए थानेदार ने अजय तिवारी, माधुरी और शिव बदन को अरेस्ट कर लिया। हालांकि मेन मुल्जिम अभी पकड़ से दूर हैं।
वर्जन मुकदमा दर्ज करके आरोपियों की तलाश की जा रही थी। गुरुवार को तीन लोगों के बारे में जानकारी मिली। अन्य लोगों की तलाश में छानबीन चल रही है। - राजू सिंह, एसएचओ, चौरीचौरा