-सकुशल बरामदगी के तौर तरीकों को जानकर करेंगे वर्कआउट

-नाकामी को दूर करने के लिए तैयार की जाएगी फाइल

-अपहरण और गुमशुदगी के मामलों में मामूली चूक से होता बड़ा नुकसान

गोरखपुर जोन में किडनैपिंग के मामलों में प्रभावी कार्रवाई के लिए एडीजी ने निर्देश जारी किए हैं। पुरानी घटनाओं से सबक लेती हुई पुलिस कार्रवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी। किस तरह की लापरवाही होने से मामले में पुलिस को नाकामी का सामना करना पड़ा। इस पर विधिवित चर्चा भी की जाएगी। सीनियर अफसर प्रापर मॉनीटरिंग करते हुए पुलिस टीम को गाइड करेंगे। जुलाई में पिपराइच एरिया में एक करोड़ की फिरौती के लिए 14 साल के बच्चे की अपहरण कर बदमाशों ने हत्या कर दी थी। इस घटना से लोग दहल उठे थे। इसलिए ऐसे घटनाओं की रोकथाम के लिए एडीजी दावा शेरपा ने गाइड लाइन जारी की है। एडीजी का कहना है कि कई बार मामूली सी चूक से पुलिस नाकाम रह जाती है।

बेहतर प्लानिंग वाली घटनाओं से लेंगे जानकारी

अपहरण की घटनाएं सामने आने पर अफरा-तफरी मच जाती है। किडनैपिंग में जहां पीडि़त की सुरक्षा का सवाल होता है। वहीं अपराधियों के खिलाफ एक्शन को लेकर भी सावधानी बरतनी पड़ती है। ऐसे में मामूली सी चूक भारी नुकसान पहुंचा सकती है। अपहृत की सुरक्षा से लेकर उसे परिजनों तक पहुंचने के दौरान तमाम तरह की सावधानी बरतनी पड़ती है। इसलिए पुलिस उन सभी पुरानी घटनाओं की स्टडी करेगी जिनमें पुलिस ने सफलतापूर्वक पीडि़तों को राहत दिलाई। साथ ही उन घटनाओं की जानकारी ली जाएगी, जिनमें किसी गलती की वजह से पुलिस को नाकाम होना पड़ा। ऐसे में बेहतर प्लानिंग वाली घटनाओं से संबंधित वर्कआउट की जानकारी पुलिस कर्मचारियों को दी जाएगी। एडीजी ने कहा है कि ऐसी घटनाओं को छिपाने का प्रयास कतई न किया जाए।

इस तरह से पुलिस करे जांच पड़ताल

अपहरण, गुमशुदगी दर्ज होने पर किस तरह की सर्तकता बरतनी चाहिए।

किडनैपिंग की सूचना पर किस तरह से प्लान करके पुलिस कामयाब हो सकती है।

सूचना मिलने पर एसएचओ, एसओ तत्काल एफआईआर दर्ज कर सीनियर अफसरों को सूचना दें।

अपहृत व्यक्ति की फोटो, नाम, मोबाइल नंबर, परिचित, रिश्तेदार सहित अन्य की जानकारी भी जुटाएं।

टीएन एजर्स के अपहरण, गुमशुदगी के मामलों में तत्काल सोशल मीडिया की मदद ली जाए।

जिले के सभी डॉयल 112 के जरिए सूचना प्रसारित करते हुए सभी थानों, पुलिस चौकियों को अवगत कराएं।

पब्लिक प्लेस पर संदिग्धों की तलाश के लिए हर जगह चेकिंग का अभियान चलाकर पुलिस मुस्तैदी से काम करे।

किसी गैंग या पास पड़ोस के लोगों पर शक होने की दशा में घेराबंदी के लिए अलग-अलग टीमों का गठन हो।

किडनैप, गुमशुदा के परिजनों से पुलिस लगातार संपर्क में रहे। पुलिस कार्रवाई की गोपनीयता भी जरूरी है।

अपहरण के मामले में मामूली सी चूक भारी पड़ जाती है। इसलिए बेहद ही सावधानी के साथ पुलिस का आपरेशन चलाया जाना चाहिए। पूर्व में किन घटनाओं का पुलिस ने कैसे वर्कआउट किया है। इसके बारे में जानकारी लेना बेहद जरूरी है। इसलिए घटनाओं में हुई चूक या कमी को भी बताया जाएगा। इस तरह के संवेदनशील मामलों में गंभीरता से कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।

दावा शेरपा, एडीजी जोन

Posted By: Inextlive