फिटनेस पर ध्यान मंद, एक्सीडेंट कैसे हों बंद
- आरटीओ में दर्ज हैं करीब 27 हजार से अधिक ट्रांसपोर्ट व्हीकल
- चेकिंग अभियान में आधी से ज्यादा स्कूल बसों की ही नहीं हो सकी है जांच GORAKHPUR: बीते दिनों एटा में हुए स्कूल बस हादसे के बाद प्रदेश भर के आरटीओ में तो खलबली मच गई, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई नतीजा नहीं निकला। बसों की फिटनेस जांच के लिए प्रशासन ने एक दिन के लिए स्कूल भी बंद करा दिए। लेकिन आधी से ज्यादा स्कूल बसों की जांच अभी भी पूरी नहीं कराई जा सकी है। ऐसे में इसके साथ ही अन्य भारी ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स की जांच का यूपी के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का निर्देश ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। 27 हजार से अधिक भारी गाडि़यांआरटीओ में रजिस्टर्ड कुल करीब 1000 स्कूल बसों की जांच करने में ही आरटीओ अधिकारियों के पसीने छूट गए थे। ऐसे में यहां रजिस्टर्ड करीब 27 हजार से अधिक ट्रांसपोर्ट व्हीकल की जांच कैसे होगी। इतनी बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्ट व्हीकल यहां की सड़कों पर खुलेआम फर्राटा भर रही हैं, लेकिन इसका जिम्मेदारों की सेहत पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।
अधिकांश होती हैं अनफिटइन 27 हजार से अधिक गाडि़यों की अगर सही से जांच की जाए तो इनमें अधिकांश गाडि़यां अनफिट ही मिलेंगी। क्योंकि आरटीओ की ओर से जो फिटनेस सर्टिफिकेट जारी भी किया जाता है, वह महज एक दिखावा ही है। आरटीओ के पास गाडि़यों की फिटनेस जांच करने की न तो किट है और न ही ट्रैक। ऐसे में आरटीओ के जिम्मेदारों की मेहरबानी से अनफिट और खटारा गाडि़यों को भी फिटनेस जारी कर दिया जाता है।
जर्जर बसों को भी फिटनेस आपको जानकर हैरानी होगी कि जिले के कुछ रूट्स पर ऐसी बसों का बेखौफ संचालन हो रहा है, जिनकी बॉडी पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। साथ ही इनमें ना तो शीशे हैं और ना ही यह चलने की स्थिति में हैं। बावजूद इसके यह बसें गोरखपुर से कप्तानगंज आदि रूट पर पूरे दिन सवारियां भरकर फर्राटा भरती देखी जा सकती हैं। वर्जन आरटीओ का अभियान लगातार जारी है। लगभग सभी स्कूली बसों की जांच कराई जा चुकी है। इसके बाद अन्य ट्रांसपोर्ट गाडि़यों की भी जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान अनफिट पाई जाने वाली सभी गाडि़यों पर सख्त कार्रवाई होगी। - राकेश सिंह, आरटीओ एनफोर्समेंट