- 500 और 1000 हजार के नोट बैन होने से मार्केट को लगा 100 करोड़ का चुना

- शहर के थोक मार्केट और ज्वैलरी मार्केट में आने वालों की संख्या में गिरावट

GORAKHPUR: ट्रिंग ट्रिंग हैलो मैं कप्तानगंज से केशव ट्रेडस से बोल रहा हूं। आज गोरखपुर आ जाए। 500-1000 हजार का नोट लेंगे। हैलो हम गोरखपुर आ रहे हैं 500 और 1000 रुपए का नोट है, बकाया देना था। पांच लेकर आ रहा हूं। यह एक व्यापारी की कहानी नहीं, बल्कि पूरे शहर के सभी मार्केट के थोक व्यापारियों की थी। मंडल का सबसे बड़े थोक मार्केट में बैठ व्यापारियों के फोन सुबह से ही घनघनाने लगे थे और एक ही आवाज आ रही थी। 500-1000 रुपए का नोट है, पुराना बकाया चुकाना है।

100 करोड़ का बाजार प्रभावित

सुबह सो कर जैसे ही लोग उठे बाजार में 500 और 1000 हजार रुपए के प्रतिबंध का असर दिखना शुरू हो गया। लोग रंपरागत दुकान गए तो वहां पर एक ही जवाब मिल रह था या तो उधार ले जाइए या 100-100 रुपए का नोट दीजिए। साहबगंज चैंबर ऑफ ट्रेडस के अध्यक्ष मनीष चांदवासिया ने बताया कि सामान्य दिन के उपेक्षा आज मार्केट बहुत कम रहा। एक तरह से होली के दूसरे दिन अचानक मार्केट खुलने के बाद जो हालत होती है, उससे भी कम रही। हालांकि मार्केट की स्थिति खराब रही। साहबगंज मंडी के व्यापारियों को यही कहना था कि व्यापारी आ तो रहे थे, लेकिन वह सामान नहीं ले रहे थे, बल्कि 500-1000 रुपए के नोट का बकाया देकर जा रहे थे। यह एक-दो नहीं, बल्कि अधिकांश व्यापारियों के साथ ऐसा ही हुआ है। गोलघर में तो कई दुकानों पर दोपहर एक बजे तक 500 और 1000 रुपए का नोट लिया गया, लेकिन उसके बाद दुकान ने दरवाजे पर ही सूचना पट्ट लगा दिया कि जितना रुपए देंगे, उतने का ही सामान लेना पड़ेगा। यही नहीं गोलघर में बहुत सारे ऐसे दुकान थे जो सुबह से ही 500 और 1000 रुपए का नोट लेना बंद कर दिया था, लेकिन इनके न लेने का असर बहुत अधिक नहीं पड़ा।

डेबिट कार्ड बना हथियार

मार्केट में निकले लोगों के लिए उनके पास मौजूद एटीएम का डेबिट कार्ड बेहतर हथियार बना। इसकी मदद से लोगों ने मॉल और मार्ट में पहुंचकर खूब खरीदारी की। स्पेंसर, विशाल मेगा मार्ट जैसी जगह पहुंचकर लोगों ने डेबिट कार्ड के थ्रू खरीदारी की। वहीं ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग को काफी तवज्जो दी। फैमिला मार्ट, बिग शॉप, वी मार्ट, सिटी मॉल में लोगों ने डेबिट कार्ड के माध्यम से जबरदस्त खरीदारी की। विशाल मेगा मार्ट से खरीदारी करके निकल रहे मनीष यादव ने पेशे से इंजीनियर हैं। कहा कि मंगलवार शाम सॉक्स खरीदने के लिए गोलघर घूमा, लेकिन 250 रुपए के लिए वाले सॉक्स के लिए पांच दुकान घूमना पड़ा, लेकिन नहीं मिला तो विशाल मेगा मार्ट आ और सॉक्स लिया और डेबिट कार्ड से पेमेंट कर दिया।

रीयल स्टेट सकते में

अचानक सरकार द्वारा बड़े नोट पर प्रतिबंध का सबसे बड़ा असर रीयल स्टेट पर दिखा। शहर के मार्केट में यही चर्चा हो रही थी कि एक करोड़ की जमीन की रजिस्ट्री 50 लाख में हुई अब यह रेट 60 से 70 लाख रुपए में हो पाएगी। ऐसे लोगों के सामने अंधेरा छा गया है कि उनको इतना नुकसान कैसे सहा जाएगा। रजिस्ट्री विभाग के रिकार्ड पर नजर डाले तो डेली एक करोड़ रुपए का स्टांप शुल्क बिकता है, उसकी जगह नोट का प्रतिबंध का असर यह रहा कि 40 लाख रुपए तक का स्टांप शुल्क मिला।

उधार आया, सिरदर्द बढ़ाया

शहर के बड़े व्यापारियों को आया उधार का पैसा सिरदर्द बढ़ाने का कार्य किया। गल्ला मंडी के एक थोक व्यापारी के यहां डेली 20 से 30 लाख रुपए का टर्नओवर होता था, लेकिन 500 और 1000 रुपए पर प्रतिबंध का असर यह दिखा कि पहले दिन मार्केट में फंसे 10 से 15 करोड़ रुपए में से दो करोड़ रुपए उनके पास कैश आ गए। वह पूरा पैसा 500 और 1000 के नोट थे। परेशान व्यापारी पूरे दिन अपना मोबाइल बंद कर इसी उधेड़बुन में लगे रहे कि यह पैसा अब कैश कैसे बदला जाएगा। वहीं एक व्यापारी पूरे दिन अपने अन्य व्यापारियों का फोन इसलिए नहीं उठा रहा था कि सुबह-सुबह ही उनके पास 10 से अधिक फोन आया और उधार देने की बात यह कह कर कर रहे थे।

30 हजार का सोना 40 हजार में बिका

नोट पर प्रतिबंध का असर ज्वैलरी मार्केट में खूब दिखा। हालांकि कोई भी व्यापारी कितना बिका इसका औसतन आंकड़ा देने से तो इनकार कर रहा है। लेकिन जब कर उन लोगों ने मनमानी की। एक ग्राहक घंटाघर में ज्वैलरी खरीदने गए थे, लेकिन जब वह 500 और 1000 रुपए का नोट दिया तो पहचान पत्र मांगने लगे, वहीं कई ऐसे लोग थे जो 30 हजार का सोना 40 हजार में ले रहे थे तो बिना पहचान पत्र के ही ले ले रहे थे।

Posted By: Inextlive